बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग अलोकतांत्रिक : कैसी त्यागी

पटना : लोजपा (रामविलास) अध्यक्ष व जमुई सांसद चिराग पासवान द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात और एक पत्र लिखकर बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर जदयू के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि बिहार सरकार को बर्खास्त किए जाने की मांग अलोकतांत्रिक है। अब किसी भी बहुमत वाली सरकार को कोई भी केंद्र की सरकार बर्खास्त नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान राजनीति में अभी नए हैं और उन्हें राजनीति में अपने पिता (रामविलास पासवान) की तरह स्थापित होने के लिए अभी और प्रयास करने होंगे।
त्यागी ने कहा कि अब किसी भी बहुमत वाली सरकार को केंद्र की सरकार बर्खास्त नहीं कर सकती है। चिराग पासवान को सरकारिया आयोग की सिफारिशें और एसआर बोम्मई मामले में उच्चतम न्यायालय की जो व्याख्या है, उसका अध्ययन करना चाहिए। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में जनता की चुनी हुई सरकार है। उसे भंग करने की मांग करना ना सिर्फ अलोकतांत्रिक है बल्कि जनता में उनका विश्वास भी कम है।
जदयू महासचिव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय एक पीठ ने एसआर बोम्मई बनाम भारत सरकार मामले में मार्च 1994 में अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया और राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू करने के संदर्भ में सख्त दिशा-निर्देश दिए थे। इस फैसले में न्यायालय ने कहा था कि किसी भी राज्य सरकार के बहुमत का फैसला राजभवन की जगह विधान मंडल में होना चाहिये। राष्ट्रपति शासन लगाने से पहले राज्य सरकार को शक्ति परीक्षण का मौका देना होगा।

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