16 अक्टूबर सोमवार का राशिफल एवम पंचांग

मेष:आज आप अपने अंदर भरपूर विश्वास व ऊर्जा महसूस करेंगे। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा तथा अपने सभी कार्यों को समय पर पूरा करने की भी कोशिश करेंगे। सामाजिक दायरा बढेगा। मान – सम्मान मे वृद्धि होगी।किसी नजदीकी रिश्तेदार के घर जाने की भी योजना भी बन सकती है व व्यस्त होने पर भी समय मनोरंजन तथा हंसी खुशी में व्यतीत होगा। स्वास्थ्य सुधार होगा।
वृष:आज आपका दिन बेहतरीन रहेगा ।वर्तमान व्यवसायिक गतिविधियों का विस्तार करने के लिए कुछ नई योजनाएं बनेंगी। इस समय बहुत ही उचित ग्रह स्थिति बनी हुई है, इसलिए इन योजनाओं को तुरंत ही क्रियान्वित करें। आर्थिक पक्ष भी मजबूत रहेगा। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।
मिथुन:आज भाग्य आपके साथ है। आपके रुके हुए राजकीय काम किसी प्रभावशाली व्यक्ति की मदद से पूरे हो सकते हैं इसलिए प्रयासरत रहें। साथ ही बच्चों की समस्याओं को सुलझाने में भी आपका विशेष योगदान रहेगा व सफलता मिलेगी। और आप श्रेष्ठ अभिभावक भी साबित होंगे। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
कर्क:आज आपका दिन सामान्य रहेगा ।व्यवसाय में गति लाने के लिए कुछ नई नीतियां बनाना जरूरी है। हालांकि वर्तमान नकारात्मक वातावरण की वजह से व्यापार मंद ही हैं। नौकरी में त्योहारों की वजह से कार्यभार की अधिकता रहेगी। धार्मिक विचारधारा सकारात्मक रहेगी । मनोबल बढेगा। स्वास्थ्य सही रहेगा।
सिंह:आज आप दिन में बीजी रह सकते हैं । घर में कोई विवाह या सगाई संबंधी मांगलिक कार्य संपन्न होने जैसी योजनाएं बनेंगी। तथा खुशी भरा वातावरण व्याप्त रहेगा। घर के सभी सदस्य अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह पूरी निष्ठा से करेंगे। बड़े बुजुर्गों का भी स्नेह व आशीर्वाद बना रहेगा। जीवनसाथी का भरपूर सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य लाभ होगा।
कन्या:आज आपका दिन खुशनुमा रहेगा। व्यवसायिक गतिविधियां पूर्ववत ही रहेंगी। अपने स्वभाव को नियंत्रित रखना आवश्यक है। जल्दबाजी न करें बनते काम बिगड़ भी सकते हैं। चोरी पकडे जाने का पूरा खतरा है। ऐसी ही सावधानी नौकरीपेशा लोगों को अपने ऑफिस में भी चाहिए। आध्यात्मिक विचार बनेंगे व सफलता भी मिलेगी। स्वास्थ्य सही रहेगा।
तुला:आज आपका दिन मन खुश करने वाला रहेगा। कुछ समय से चल रही किसी विशेष कार्य के प्रति आपकी लगन व मेहनत के अप्रत्याशित लाभ प्राप्त होने वाले हैं। अपने काम पर पूरा ध्यान केंद्रित रखें। घर में किसी धार्मिक कार्य के आयोजन संबंधी योजना भी बनेगी। युवा वर्ग कोई उपलब्धि मिलने से गर्व महसूस करेंगे। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।
वृश्चिक:आज आपका दिन बेहतरीन रहेगा ।पब्लिक डीलिंग तथा मीडिया से संबंधित कार्यों में आज विशेष ध्यान दें। क्योंकि इनसे अच्छा मुनाफा मिलने की संभावना है। नौकरी पेशा लोगों के लिए भी ऑफिस का माहौल पॉजिटिव रहेगा। तथा सहयोगियों के साथ संबंध बेहतर बनेंगे। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य सही रहेगा।
धनु:आज आपकी सकारात्मक विचारधारा दिन को बेहतर बनाएगी । धार्मिक तथा आध्यात्मिक कार्यों के प्रति आपकी आस्था व रुझान बढ़ेगा। जिससे आपके अंदर सकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न होगा। आज दिन का अधिकतर समय किसी विशेष कार्य संबंधी योजनाओं को क्रियान्वित करने में व्यतीत होगा। स्वास्थ्य लाभ होगा।
मकर;आप भाग्य आपके साथ है । कार्यक्षेत्र में आंतरिक रखरखाव तथा नवीनीकरण जैसी योजना बनेगी। इस परिवर्तन में वास्तु सम्मत नियमों का अवश्य उपयोग करें, इससे सकारात्मक ऊर्जा व्याप्त होगी। बड़ो का आशीर्वाद प्राप्त होगा । नौकरीपेशा लोगों का अपने अधिकारियों के साथ किसी बात को लेकर हल्का मनमुटाव हो सकता है। स्वास्थ्य सही रहेगा।
कुंभ:आज आपका दिन बढिया रहेगा । कार्यक्षेत्र में भावुकता की बजाय प्रैक्टिकल तरीके से सबके साथ व्यवहार करें। क्रोध पर नियंत्रण रखें। सहयोगियों तथा कर्मचारियों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें। परिवार का सहयोग मिलेगा। जीवनसाथी के कारण खुशनुमा माहौल बनेगा। स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
मीन:आज आपका सकारात्मक दृष्टिकोण किसी भी परिस्थिति में ऊर्जावान व मानसिक रूप से मजबूत बनाकर रखेगा। अगर पुश्तैनी प्रॉपर्टी संबंधी कोई वाद-विवाद चल रहा है, तो उसे हल करने के लिए आज का दिन बहुत ही उचित है। धार्मिक विचार उतपन्न होगे। बच्चों का साथ माहौल खुश बनाएगा। स्वास्थ्य सही रहेगा।
🌞ll ~ वैदिक पंचांग ~ ll🌞
🌤️ दिनांक – 16 अक्टूबर 2023
🌤️ दिन – सोमवार
🌤️ विक्रम संवत – 2080
🌤️ शक संवत -1945
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – शरद ॠतु
🌤️ मास – आश्विन
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – द्वितीया 17 अक्टूबर रात्रि 01:13 तक तत्पश्चात तृतीया
🌤️ नक्षत्र – स्वाती शाम 07:35 तक तत्पश्चात विशाखा
🌤️ योग – विष्कंभ सुबह 10:04 तक तत्पश्चात प्रीति
🌤️ राहुकाल – सुबह 08:02 से सुबह 09:29 तक
🌞 सूर्योदय-05:39
🌤️ सूर्यास्त- 06:01
👉 दिशाशूल- पूर्व दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण – पूज्य बापूजी का 60वाॅ आत्मसाक्षात्कार दिवस,चंद्र-दर्शन (शाम 06:14 से रात्रि 07:09 तक)
💥 विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा  बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

👉🏻 नवरात्र मे इन देवियो की ऐसे करे पूजा होगी इच्छा पूर्ण⤵️

🌷 शारदीय नवरात्रि 🌷
🙏🏻 अश्विन मास के नवरात्रि का आरंभ 15 अक्टूबर, रविवार से हो गया है। मान्यता है कि नवरात्रि में रोज देवी को अलग-अलग भोग लगाने से तथा बाद में इन चीजों का दान करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। जानिए नवरात्रि में किस तिथि को देवी को क्या भोग लगाएं-
🙏🏻 नवरात्रि की द्वितीया तिथि यानी दूसरे दिन माता दुर्गा को शक्कर का भोग लगाएं ।इससे उम्र लंबी होती है ।
👉🏻 शेष कल…………

🌷 शारदीय नवरात्रि 🌷
🙏🏻 अश्विन मास की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 15 अक्टूबर, रविवार से हो गया है, धर्म ग्रंथों के अनुसार, नवरात्रि में हर तिथि पर माता के एक विशेष रूप का पूजन करने से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है। जानिए नवरात्रि में किस दिन देवी के कौन से स्वरूप की पूजा करें-
🌷 तप की शक्ति का प्रतीक है मां ब्रह्मचारिणी
🙏🏻 नवरात्रि की द्वितीया तिथि पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। देवी ब्रह्मचारिणी ब्रह्म शक्ति यानी तप की शक्ति का प्रतीक हैं। इनकी आराधना से भक्त की तप करने की शक्ति बढ़ती है। साथ ही, सभी मनोवांछित कार्य पूर्ण होते हैं।
🙏🏻 मां ब्रह्मचारिणी हमें यह संदेश देती है कि जीवन में बिना तपस्या अर्थात कठोर परिश्रम के सफलता प्राप्त करना असंभव है। बिना श्रम के सफलता प्राप्त करना ईश्वर के प्रबंधन के विपरीत है। अत: ब्रह्मशक्ति अर्थात समझने व तप करने की शक्ति हेतु इस दिन शक्ति का स्मरण करें। योगशास्त्र में यह शक्ति स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित होती है। अत: समस्त ध्यान स्वाधिष्ठान चक्र में करने से यह शक्ति बलवान होती है एवं सर्वत्र सिद्धि व विजय प्राप्त होती है।
👉🏻 शेष कल………..

🌷 नवरात्रि में त्रिदेवी आराधना 🌷
🙏🏻 नवरात्रि में 9 तिथियों को 3-3-3 तिथि में बांटा गया है। प्रथम 3 तिथि माँ दुर्गा की पूजा (तमस को जीतने की आराधना), बीच की तीन तिथि माँ लक्ष्मी की पूजा (रजस को जीतने की आराधना) तथा अंतिम तीन तिथि माँ सरस्वती की पूजा (सत्व को जीतने की आराधना) विशेष रूप से की जाती है।
🙏🏻 दुर्गा की पूजा करके प्रथम तीन दिनों में मनुष्य अपने अंदर उपस्थित दैत्य, अपने विघ्न, रोग, पाप तथा शत्रु का नाश कर डालता है। उसके बाद अगले तीन दिन सभी भौतिकवादी, आध्यात्मिक धन और समृद्धि प्राप्त करने के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करता है। अंत में आध्यात्मिक ज्ञान के उद्देश्य से कला तथा ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती की आराधना करता है ।
👉🏻 अब मैं तीनों शक्तियों की आराधना के मूल मंत्रों का वर्णन करता हूँ। नवरात्र में इनका यथासंभव जप करना चाहिए।
🙏🏻 १. दुर्गाजी का उत्तमोत्तम नवार्ण मंत्र महामंत्र है। इसको मंत्रराज कहा गया है। नवार्ण मंत्र की साधना धन-धान्य, सुख-समृद्धि आदि सहित सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है।
🌷 “ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”
🙏🏻 २. लक्ष्मी जी का मूल मंत्र जिसके द्वारा कुबेर ने परमऐश्वर्य प्राप्त किया था ।
🌷 “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा”
🙏🏻 ३. सरस्वती जी का वैदिक अष्टाक्षर मूल मंत्र जिसे भगवान शिव ने कणादमुनि तथा गौतम को, श्रीनारायण ने वाल्मीकि को, ब्रह्मा जी ने भृगु को, भृगुमुनि ने शुक्राचार्य को, कश्यप ने बृहस्पति को दिया था जिसको सिद्ध करने से मनुष्य बृहस्पति के समान हो जाता है ।
🌷 “श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा”

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