गणादेश ब्रेकिंगः खदान आबंटन के मामले में जिस फाइल पर खदान की अनुशंसा हुई, वह हो गई गायब, ईडी ने तरेरी नजरें

अफसरों ने एक खास कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिये आयरन और माइंस के आवंटन का प्रस्ताव ही बदल दिया
एक ही दिन में बिन्नी आयरन एंड स्टील को खदान आवंटित कर दिया गया था
रांचीः झारखंड में खदान का खेल का खूब चला। अब एक नया मामला सामने आया है। खान विभाग के अफसरों ने खदान आबंटन मामले में जिस फाइल पर खदान की अनुंशसा की गई थी, वह फाइल ही गायब हो गई है। अब ईडी ने इस पर भी नजरें तरेरी हैं। पुख्ता सूत्रों के अनुसार अफसरों ने एक खास कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिये आयरन ओर माइंस के आवंटन का प्रस्ताव ही बदल दिया। बताते चलें कि बिन्नी और मुकंद कंपनी के लिये खदान की अनुशंसा की गई थी. इसमें सिर्फ बिन्नी आयरन एंड स्टील को ही खदान आवंटित किया गया. मुकंद कंपनी के बारे में कहा गया कि इसका डेवलपमेंट ठीक नहीं है. एक ही दिन में बिन्नी आयरन एंड स्टील को खदान आवंटित कर दिया गया था. वहीं कंपनी को कैप्टिव माइंस के लिये खदान दिया गया था. नियमत: कैप्टिव माइंस का उपयोग कंपनी सिर्फ अपने कारखाने के लिये ही उपयोग कर सकती है. लेकिन कंपनी ने इसके दायरे से निकलकर आयरन ओर की बिक्री शुरू कर दी. इस मामले में तत्कालीन खान सचिव , तत्कालीन भारतीय वन सेवा के सीएफ रैंक के अफसर रडार पर आ गए हैं। वहीं कोहिनूर स्टील मामले पर भी ईडी की नजर है। कोहिनूर स्टील कोहिनूर स्टील को आवंटित खदान की फाइल आज तक खान विभाग को नहीं मिली है. जिस फाइल पर खदान की अनुशंसा की गई थी, उसे अब तक खान विभाग खोज रहा है. अब ईडी भी उस फाइल की पड़ताल कर रही है। ईडी ने बिना फॉरेस्ट क्लीयरेंस अवैध रूप से खनिज निकालने, डिजीटल नक्शा जमा नहीं करने, गलत ढंग से खदानों का लीज नवीनीकरण और कंपनियों द्वारा शर्तों के अनुपालन नहीं करने सहित अन्य बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। .

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