सिलकोसिस बीमारी से पीड़ित मजदूरों को एक लाख व मृत्यु होने पर चार लाख रुपये देगी सरकारः श्रम मंत्री

रांचीः श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने मंगलवार को रांची के डोरंडा स्थित श्रम भवन में इंडस्ट्रियल हाइजिन लैबोरेट्री एंड सेफ्टी डेमोंसट्रेशन सेंटर का उद्धाटन किया। इस लैब की स्थापना होने से रांची में ही सिलकोसिस बीमारी की जांच हो सकेगी। सिलिकोसिस फेफड़ों की ऐसी बीमारी है जो आमतौर पर कारखानों में काम करनेवाले मजदूरों को वहां के धूल में सिलिका पाए जाने से होती है। पत्थर एवं खनन कार्य मे लगे मजदूर इससे अधिक प्रभावित होते हैं। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, रांची में स्थापित लैब पूर्वी क्षेत्र की पहली लैब है जहां सिलिकोसिस की बेहतर जांच हो सकेगी। राज्य सरकार द्वारा कारखानों में कार्यरत तथा सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित मजदूरों के इलाज के लिए एक लाख रुपये की सहायता की योजना भी शुरू की है। वहीं, इस बीमारी से मृत्यु होने पर आश्रितों को चार लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। मंत्री ने कहा कि श्रम विभाग द्वारा स्थापित यह लैब श्रमिकों के लिए वरदान साबित होगा। कारखानों में कार्य करने वाले मजदूरों को कई तरह की बीमारी होती है जिससे बचाव एवं खतरों का आकलन करने में यह लैब बेहद मददगार साबित होगा। साथ ही प्रदर्शनी के माध्यम से कारखानों में होने वाले खतरों के बारे में बताया जाएगा एवं उससे निपटने के तरीकों को बताया जाएगा। इस लैब की स्थापना से विभिन्न कारखानों में कार्यरत मजदूरों को इसका लाभ प्राप्त होगा।

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