थम सा गया है झारखंड मंत्रालय में फाइल मूवमेंट, विभिन्न विभागों में 7000 से अधिक फाइलें डंप

रांचीः झारखंड में सियासी भूचाल के साथ ईडी के दबिश के कारण झारखंड मंत्रालय में इसका असर साफ देखा जा रहा है। सिर्फ चर्चा इस बात की हो रही है कि कौन अफसर ईडी या सीबीआइ की रडार में आ जाए। एक तरफ सीएम की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है तो दूसरी तरफ ईडी की रेड से हड़कंप मचा हुआ है। सीबीआई राष्ट्रीय खेल घोटाले को लेकर भवन निर्माण विभाग के दफ्तर तक पहुंच गई है। कई फाइलों को जब्त भी किया है। आइएएस पूजा सिंघल प्रकरण में कई अफसर रडार पर हैं। जमीन घोटाला की भी फाइलें खुलने वाली हैं। इसका सीधा असर झारखंड के सरकारी विभागों में दिख रहा है। कोई भी अफसर फाइल करने से डर रहे हैं। सुबह से शाम तक सिर्फ चर्चाओं का दौर चल रहा है कि कब किसकी बारी आ जाए। इस उथल-पुथल के दौर में सरकारी विभागों में लगभग 7000 फाइलें डंप हो गई हैं। फाइल मुवमेंट एकदम रूक सा गया। जिसमें जन कल्याण की योजनाओं, पेंशन, सहित कई महत्वपूर्ण फाइलें भी शामिल हैं। दूसरी तरफ सरकार द्वारा तर्क भी दिया जा रहा है कि सेक्शन ऑफिसर के स्वीकृत 657 पदों में से 600 पद खाली पड़े हैं. प्रोजेक्ट भवन, नेपाल हाउस, सीएम सचिवालय, महाधिवक्ता कार्यालय, राज्य निर्वाचन आयोग, झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग, खाद्य सुरक्षा आयोग, पांचों कमिश्नरी सहित अन्य सेक्शन को मिलाकर कुल 657 सेक्शन हैं. . सहायक प्रशाखा पदाधिकारी के 1313 पद स्वीकृत हैं. इसमें 708 सहायक प्रशाखा पदाधिकारी ही कार्यरत हैं. इसी तरह से अवर सचिव के 58 पद रिक्त हैं. उपसचिव के 10 पद और संयुक्त सचिव 10 पद रिक्त हैं.। जिसका असर कामकाज पर पड़ रहा है।

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