सियासी भूचाल थमा नहीं , ईडी की दबिश जारी और अब राज्यसभा चुनाव को लेकर रार-तकरार

रांचीः झारखंड में सियासी भूचाल थमा नहीं है। ईडी की दबिश जारी है। और अब राज्यसभा चुनाव को लेकर रार तकरार शुरू हो गया है। सबके अपने-अपने दावे भी है। राज्यसभा चुनाव की घोषणा होते ही झामुमो और कांग्रेस के बीच रार तकरार शुरू हो गया है। ऐसे में महागठबंधन की एकता की दीवर भी दरकने की संभावना जताई जा रही है। यूं कहें कि एकजुटता को बनाए रखना लिटमस टेस्ट की तरह होगा। कांग्रेस पिछले राज्यसभा चुनाव में अपने कैंडिडेट की हार को भूल नहीं पाई है। यही वजह है कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने स्पष्ट कह दिया है कि इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार को महागठबंधन का समर्थन मिलना चाहिए। वहीं झामुमो भी किसी तरह के कंपरमाइज के मूड में नहीं है। ऐसे में महागठबंधन की एकता की दीवार दरकने की भी संभावना जताई जा रही है। यूं कहें की यह महागठबंधन की एकता को बनाए रखने का लिटमस टेस्ट भी होगा। वैसे तो एक सीट के लिए झामुमो के पास पर्याप्ट नंबर है। पार्टी के 30 विधायक हैं। वहीं कांग्रेस के 17 विधायक हैं। ऐसे में कांग्रेस पहले कंफर्म सीट के लिए कांग्रेस का उम्मीदवार और चुनावी कौशल से दूसरी सीट के लिए इस बार झामुमो का उम्मीदवार चाहती है, वहीं दूसरे सीट के लिए महागठबंधन के पास पर्याप्त नंबर नहीं हैं। कांग्रेस का यह भी कहना है कि इस बार उसके उम्मीदवार को राज्यसभा तक पहुंचाना महागठबंधन की नैतिक जिम्मेदारी होगी। इसको लेकर पार्टी के अंदर मंथन जारी है। चर्चा यह भी हो रही है कि उदयपुर चिंतन शिविर के बाद महागठंबधन के बड़े नेता राज्यसभा चुनाव को लेकर बैठेंगे जिसमें शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन, कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर,आलमगीर आलम और राजद के वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे। बताते चलें कि झारखंड में दो सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है।

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