चाय नहीं चाह पीजिए , शरीर को स्वस्थ्य रखिए

पटना. कंकडबाग स्थित न्यू स्टार्टअप स्टार्ट किया है चाय जहर होता है चाह पीजिए चाह इंसान की चाह क्या है वह शारीरिक स्वस्थ रहें मानसिक स्वस्थ रहें और मेरा दिव्य मानव निर्माण चाह है इसका मतलब होता है ईश्वर स्तरीय पर मनुष्य को निर्माण किया जाता है उसे दिव्य मानव निर्माण कहते हैं ईश्वर क्या चाहता है मेरा बच्चा को सही रास्ता मिले दिमाग शांत रहे बुद्धि तेज हो सही कर्म करें मानसिक स्वस्थ्य रहे शारीरिक स्वस्थ रहे सांसारिक वस्तुओं रहे ए चाह पीने से हमारे अंदर पॉजिटिव विचार लाती है माइंड को रिलैक्स करते हैं स्ट्रेस फ्री करती है स्वास्थ्य को ठीक रखती है और स्वास्थ्य ही धन है अगर हमें सही डायरेक्शन मिले सही सोच हो जाए मानसिक रूप से स्वस्थ रहे दिमाग शांत रहे शारीरिक स्वस्थ रहें तो सांसारिक चीज जो भी है उसे भी आसानी से प्राप्त कर लेंगे. यह बात चाह विक़ेता रविशंकर ने बताया

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