जनता दरबार में निष्पादित भूमि वाद एवं कार्यवाही को पोर्टल पर अपलोड करने का सीओ व थानाध्यक्ष को निर्देश

सहरसा: जिलाधिकारी वैभव चौधरी की अध्यक्षता में ऑनलाइन दाखिल-खारिज, भू-समाधान पोर्टल, सीपीग्रान, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम परिमार्जन, बन्दोबस्ती बासगीत पर्चा एवं अन्य विषयों के संदर्भ में अनुमंडल पदाधिकारी सिमरी बख्तियारपुर, सभी अंचलाधिकारी एवं राजस्व अधिकारी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सोमवार को समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई।
बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी, सदर सहरसा एवं प्रभारी राजस्व पदाधिकारी, सहरसा उपस्थित थे। जिलाधिकारी ऑनलाइन दाखिल खारिज लंबित आवेदनों के निष्पादन के संबंध में समीक्षा किया और सभी लंबित आवेदनों का शीघ्र निष्पादन करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद डीएम द्वारा भूमि विवाद के निवारण के लिए प्रत्येक शनिवार को आयोजित जनता दरबार में निष्पादित किए गए वाद एवं उसकी कार्यवाही को पोर्टल पर उसी दिन अपलोड करने का अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष को निर्देश दिया गया। साथ ही भू-समाधान पोर्टल पर दर्ज की जा रही भूमि विवाद के मामलों की समीक्षा अंचलवार एवं थानावार किया गया। मापी से संबंधित तीन मामले महिषी एवं एक मामले पतरघट अंचल में पाया गया। इस संबंध में अंचलाधिकारी पतरघट एवं महिषी को अविलंब इसका निष्पादन करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद जिलाधिकारी के द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय (सीपीग्राम) से प्राप्त परिवाद की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि अंचलाधिकारी बनमा इटहरी के दो मामले, अंचलाधिकारी सतरकटैया के एक मामाला, अंचलाधिकारी कहरा के पांच मामले, अंचलाधिकारी महिषी के तीन मामले एवं अंचलाधिकारी नवहट्टा के एक मामला लंबित है। एक सप्ताह के अंदर निष्पादित करते हुए निष्पादन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम से संबंधित परिवाद की समीक्षा में डीएम ने पाया कि अंचलाधिकारी कहरा के 14 मामले सीओ महिषी के 27 मामले, सीओ नवहट्टा के 13 मामले सीओ सत्तरकटैया के 6 मामले, सीओ सौर बाजार के 17 मामले, सीओ सिमरी बख्तियारपुर के 22 मामले एवं सीओ सलखुआ के 7 मामले लंबित है। उक्त सभी परिवाद को एक सप्ताह के अन्दर निष्पादित करते हुए निष्पादन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। साथ ही परिमार्जन पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि सभी अंचल में कई आवेदन लंबित है। उक्त सभी आवेदनों को एक सप्ताह के अंदर निष्पादन करने का निर्देश दिया गया। आर. ओ. आर के समीक्षा के क्रम में सभी सीओ को एक सप्ताह के अंदर शत प्रतिशत निष्पादन करने का निर्देश दिया गया। अंचल अधिकारी कहरा, नवहट्टा, सोनवर्षा एवं सिमरी बख्तियारपुर के स्तर पर लंबित रहने के कारण खेद प्रकट किया गया एवं शीघ्र निष्पादन करने का निदेश दिया गया। इसी प्रकार सलखुआ, नवहट्टा एवं सिमरी बख्तियारपुर के राजस्व अधिकारी को उनके स्तर पर लंबित आवेदन को दो दिनों के अंदर निष्पादित करने का निर्देश दिया गया। सीपीग्राम समीक्षा के क्रम में सभी अंचलों के स्तर पर लंबित परिवाद पत्रों का एक सप्ताह के अंदर निष्पादन करते हुए प्रतिवेदन आई.टी. मैनेजर, सहरसा को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। परिवाद पत्र उपलब्ध नहीं रहने की स्थिति में आई. टी. मैनेजर से समन्वय कर परिवाद प्राप्त करेंगे। समीक्षा के क्रम में सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि लंबित सी. डब्लूजेसी,एम. जे. सी.,एलपीए मामलों में एसओएफ तैयार कर अतिशीघ्र विधि शाखा, सहरसा को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावे भू-अभिलेखों एवं राजस्व अभिलेखों के स्कैनिंग एवं डिजिटाईजेशन कार्य के संबंध में सभी अंचलाधिकारियों के द्वारा बताया गया कि उक्त स्कैनिंग कार्य चयनित एजेंसियों के द्वारा प्रारंभ नहीं किया गया है। प्रभारी पदाधिकारी जिला राजस्व शाखा, सहरसा को निदेश दिया गया कि चयनित एजेंसी को पत्र प्रेषित कर अतिशीघ्र भू-अभिलेखों एवं राजस्व अभिलेखों के स्कैनिंग एवं डिजिटाईजेशन कार्य प्रारंभ करवाने का निर्देश दिया गया।

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