पाकिस्तानी संसद में इमरान खान को सरे आम फांसी देने की मांग

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान विरोधी राजनीतिक दल एकजुट हो गए हैं। इमरान की रिहाई के विरोध में एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट के बाहर सभी दल प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं संसद में इमरान खान को फांसी दिए जाने की मांग भी उठने लगी है।
नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज अहमद खान ने इमरान खान को सार्वजनिक तौर पर फांसी दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इमरान को सार्वजनिक तौर पर फांसी दे देनी चाहिए, लेकिन इसके बजाए कोर्ट उनका ऐसे स्वागत कर रही है, जैसे वह उनके दामाद हों।
इमरान खान की रिहाई के विरोध में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रदर्शन कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के सामने धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। पीडीएम कई पार्टियों से मिलकर बना संगठन है, जिसमें सत्ताधारी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUIF) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) सहित कई पार्टियां शामिल हैं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ नारेबाजी की गई. लाहौर में अगले सात दिनों तक के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने इमरान खान को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था, जिसके बाद इमरान को जमानत मिल गई थी। इसके बाद से पाकिस्तान सरकार खुलकर बंदियाल के विरोध में उतर आई है और सरकार ने उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने का फैसला किया गया।
इस संबंध में नेशनल असेंबली ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ संदर्भ तैयार करने के लिए 5 सदस्यीय समिति के गठन की मांग की गई है।
सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार ने न्यायपालिका पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का पक्ष लेने, राजनीति में शामिल होने और 9 मई को हमलावरों का समर्थन करने का आरोप लगाया है। इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, जेयूआई-एफ नेता असद महमूद और अन्य ने सीजेपी बंदिायल के कथित दोहरे मानदंड़ों पर नाराजगी जाहिर की थी।

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