अपने रोजगार सृजन के साथ-साथ ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं बिरानी

खूंटी : ग्रामीण महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में उन्हें उचित प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ना सफल हो रहा है। महिलाएं प्रशिक्षित होकर पूरे गांव के विकास में अहम भूमिका भरे निभा रही हैं। जिले की ग्रामीण महिलाएं वित्तीय समावेशन की ओर अग्रसर हैं।

बैंक सखी के रूप में कार्य कर और उचित प्रशिक्षण प्राप्त कर खूंटी के सुरुन्दा ग्राम की बिरानी टूटी आत्मविश्वास के साथ अपनी उज्ज्वल भविष्य की दिशा में अग्रसर हैं। सखी मंडल की महिलाएं बैंक में वित्तीय साक्षरता केंद्र काउंसलर (एफएलसीसी) के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहीं हैं।

कभी अभाव में जीवन व्यतीत करने को विवश बिरानी के जीवन में आज एक सकारात्मक और सफल परिवर्तन प्रदर्शित हो रहा है। बिरानी NRLM के द्वारा महिला मंडल से जुड़ कर अपने उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर हैं।

झरिया महिला संघ में उन्होंने बैंक सखी के रूप में कार्य शुरुवात की थी।

बिरानी का परिवार स्वयं सहायता समूह में जुड़ने से पहले खेती –बाड़ी कर जीवन निर्वाह करता था I

बिरानी टूटी ने कोयल महिला मंडल से जुड़कर 3000 ऋण लेकर अपने घर में ही दूकान चलाने की शुरुआत की I इस दूकान से पर उन्हें 1500 से 2000 रुपया की मासिक आमदनी होती थी।

पढ़ी –लिखी होने के कारण दीदी का चुनाव स्वयं सहायता समूह के गठन करते समय अध्यक्ष के रूप में किया गयाI 

दूर-दराज के क्षेत्रों में अपनी विविध सेवाओं के साथ, वे पूरी पंचायत बैंकिंग सेवाएं एवं योजनाओं की जानकारी प्रदान कर रही हैं।

बिरानी ने न केवल अपने रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त किया है बल्कि ग्रामीणों तक भी योजनाओं को पहुंचाने का बेहतर माध्यम बनी हैं।

बिरानी टूटी ने झरिया महिला संघ में बैंक सखी के रूप में कार्य किया और प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। जिससे उनका आत्मविश्वास बढा और दीदी ने JSLPS के माध्यम से समय–समय पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। साथ ही उन्हें FL Trainer के  रूप में प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के अवसर मिलाI बिरानी टूटी ने झरिया महिला संघ में बैंक सखी का कार्य करते हुए जिला ट्रेनर के रूप में भी कार्य किया है, जिससे उनकी आमदनी 7000-8000 प्रति माह होती थींI यही कार्य करते हुए JRGB (झारखण्ड राज्य ग्रामीण बैंक) में FLC के रूप में पदस्थापित हैं। बिरानी सामाजिक रूप से सशक्त हैं और उन्हें 15000 रूपये प्रति माह आमदनी हो रही है।

■ बिरानी बताती हैं–

“आमतौर पर सेवानिवृत्त बैंकिंग अधिकारी सभी बैंकों में वित्तीय एफएलसीसी के रूप में काम करने का मौका मिल रहा है। मुझे खुशी है कि मैं बैंकिंग को ग्रामीणों तक पंहुचाने की इस अभिनव पहल का हिस्सा हूं और इससे मेरी मासिक आमदनी करीब 15,000 रूपए तक हो जाती है।”

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