अहोई अष्टमी व्रत 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा

रांची : राष्ट्रीय सनातन एकता मंच व पवित्रम गो सेवा परिवार के प्रांतीय प्रवक्ता संजय सर्राफ ने कहा है कि अहोई अष्टमी व्रत 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, संतान प्राप्ति और उत्तम स्वस्थ के लिए उपवास रह कर अहोई माता की पूजा करती है। महिलाएं इस दिन निर्जल व्रत रखती है। तथा संतान सुख, बच्चों की दीर्घायु और उनके उज्जवल भविष्य के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती है। इस रात अहोई अष्टमी का व्रत तारा देखकर व्रत का पारण करती है। जिस प्रकार करवा चौथ में चांद देखकर व्रत का पारण करती है उसी तरह इस व्रत में तारों को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है। कई महिलाएं चांद देखकर भी पारण करती है। अहोई अष्टमी व्रत के दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती को दूध भात का भोग लगाती है तथा इस दिन शाम को पीपल पेड़ के नीचे दीपक जलाई जाती है। तथा माता की पूजा में सफेद फूल अर्पित की जाती है। अष्टमी के दिन शिवलिंग का दूध से अभिषेक करने और शिव पार्वती की पूजा करने तथा अहोई माता को सिंदूर अर्पित कर एवं श्रृंगार करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। अहोई अष्टमी 17 अक्टूबर की सुबह 9:29 बजे से शुरू हो रहा है। तथा 18 अक्टूबर की सुबह 11: 57 बजे तक रहेगी। पूजा का शुभ मुहूर्त 17 अक्टूबर को शाम 5:57 बजे से रात 7:12 बजे तक है। तारा देखने का समय शाम 6:20 बजे तक है। जबकि चंद्रोदय रात 11:35 बजे होगा। इस वर्ष अहोई अष्टमी के व्रत पर कई शुभ संयोग भी बनने जा रहे हैं।

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