कायदे से तो भाजपा का झारखंड से निबंधन रद्द हो जाना चाहिए : सुप्रियो भट्टाचार्य

रांची: पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के द्वारा झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग को लेकर राजभवन में पत्र भेजने पर झामुमो को मिर्ची लगी है। बुधवार को प्रदेश झामुमो कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बाबूलाल पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार कोई गाजर, मूली नहीं है जो उखाड़ देंगे। यह सरकार आंदोलन से बना है। इस लिए बाबूलाल मरांडी को दिन में सपने नहीं देखना चाहिए।
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल बुढ़ापे में गुलाटी मरना नहीं छोड़ रहे हैं। बाबूलाल मरांडी को अनाप शनाप बातें नहीं करना चाहिए। देश और राज्य की जनता देख रही है। भाजपा के इस रवैए से पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में तो इनकी विदाई हो ही जाएगी। साथ ही आने वाले लोकसभा चुनाव में भी जनता इन्हे बहार का रास्ता दिखाने वाली है।
उन्होंने कहा कि बाबूलाल का संकल्प यात्रा में जनता का कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है। उनके यात्रा में भाजपा के नेता भी साथ नहीं दे रहे हैं। वे बिलकुल अलग थलग पड़ गए हैं। इसलिए मीडिया की सुर्खियों में रहने के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर दिए हैं। लगता है ,उनके चाचा इसके लिए राजभवन में इसी काम के लिए बैठे हुए हैं। भतीजा मांग करेंगे और चाचा उनकी मांग को पूरा कर देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार सिस्टम से चलती है। रही विधि व्यवस्था तो झारखंड से अधिक यूपी और मध्यप्रदेश में लाचार कानून व्यवस्था है। इससे पूर्व में रघुवर की सरकार में कानून व्यवस्था का क्या हाल था यह किसी से छुपा नहीं है। इसलिए भाजपा को इस मुद्दे पर बोलने का कोई हक नहीं बनता है।

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