07 सितम्बर बृहस्पतिवार का राशिफल एवम पंचांग
मेष:आज प्रभावशाली लोगों के साथ संबंधों को सही करने का अवसर मिलेगा। सामाजिक दायरा बढेगा। इस समय कार्यप्रणाली में कुछ बदलाव भी लाने की आवश्यकता है। ऑफिस या घर में कार्यभार की अधिकता की वजह से ओवरटाइम भी करना पड़ेगा। जीवनसाथी का सहयोग कर पाओगे । स्वास्थ्य सुधार होगा।
वृष:आज स्थान परिवर्तन संबंधी कोई योजना कार्य रूप में परिणित होने की संभावना है। आपका संतुलित व्यवहार आपको शुभ और अशुभ प्रत्येक परिस्थितियों में सामंजस्य बनाकर रखने में मदद करेगा। किसी नजदीकी मित्र की सलाह आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगी।
मिथुन:आज का समय अनुकूल है ।व्यवसायिक स्थितियां और भी बेहतर हो रही हैं। लेकिन अभी कहीं भी पैसा निवेश ना करें, क्योंकि धोखाधड़ी में फंसने की आशंका है। परंतु कार्यस्थल में उत्पादन क्षमता में कोई कमीं नहीं आएगी। ऑफिस के स्टाफ में किसी तरह की राजनीति चल सकती है, सावधान रहें।
कर्क:आज भावनाओं की बजाय चतुराई और विवेक से काम लेना परिस्थितियों को आपके पक्ष में करेगा। तथा घर के बड़े बुजुर्गों का भी आशीर्वाद व सहयोग मिलेगा। बच्चे की किलकारी से संबंधित शुभ सूचना भी मिल सकती है। साथ ही किसी अटके हुए कार्य को पूरा करने के लिए भी समय उचित है।
सिंह:आज किसी प्रभावशाली व्यक्ति की मदद से आपकी व्यवसायिक परेशानी हल होगी। परंतु अपने ऑफिस या दुकान के स्टाफ पर कड़ी नजर रखें, उनकी मिलीभगत से कुछ नुकसान हो सकता है। आज कार्यक्षेत्र से जुड़े सभी फैसले स्वयं ही लें।
कन्या:आज आपके लिए बेहतरीन धनदायक परिस्थितियां बनी हुई हैं। पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी आर्थिक नीतियों पर काम करें। आज आप अपनी किसी नकारात्मक बात को छोड़ने का भी संकल्प करें। विद्यार्थियों के कैरियर संबंधी किसी समस्या का समाधान होने से घर में खुशी भरा वातावरण रहेगा।
तुला:आज भविष्य संबंधी किसी महत्वपूर्ण कार्य की रूपरेखा भी बनेगी। आय के मार्ग अभी मंद ही रहेंगे। परंतु वर्तमान गतिविधियों का शुभ परिणाम निकट भविष्य में जल्दी ही प्राप्त होगा। कार्य संबंधी कोई लाभदायक यात्रा होगी।
वृश्चिक:आज आर्थिक योजनाओं को फलीभूत करने का उचित समय है। आज कोई भूमि खरीद-फरोख्त संबंधी काफी काम संपन्न हो सकते हैं। सामाजिक गतिविधियों के प्रति आपका योगदान आपको मानसिक सुकून प्रदान करेगा और मान-सम्मान भी बढ़ाएगा।
धनु:इस समय पार्टनरशिप संबंधी कार्यों में लाभदायक परिस्थितियां बन रही हैं। व्यापार को विस्तृत करने संबंधी योजनाएं भी बनेगी। सरकारी सेवारत लोगों के ऊपर अतिरिक्त कार्यभार रहेगा। परंतु धैर्य पूर्वक कार्य संपन्न करने से आपको कोई महत्वपूर्ण अथॉरिटी भी मिल सकती है।
मकर:आज पिछली कुछ कमियों से सीखकर अपनी दिनचर्या में और बेहतर सुधार लाने की कोशिश करेंगे। जिसमें आप कामयाब भी रहेंगे। प्रतिष्ठित लोगों के साथ समय व्यतीत करना आप में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा। इस समय रुके हुए काम पूरा करने का उचित समय है।
कुंभ:आज व्यवसायिक गतिविधियां सामान्य रहेगी। परंतु इस समय अचानक ही कुछ खर्चों की स्थितियां सामने आएंगी। आर्थिक मामलों में पूरी सावधानी और सतर्कता बरतें। सहकर्मियों के सहयोग से आप किसी महत्वपूर्ण आर्डर को पूरा करने में सक्षम रहेंगे।
मीन:आज धर्म और अध्यात्म के प्रति आस्था रहेगी। आपका प्रभावशाली तथा सकारात्मक व्यक्तित्व दूसरों के लिए उदाहरण बनेगा। यही स्वभाव आपके कार्य को योजनाबद्ध तरीके से पूर्ण करने में भी मदद करेगा। युवा वर्ग भी गंभीरता से अपने जीवन के मूल्यों को समझेंगे।
🌞ll ~ वैदिक पंचांग ~ ll🌞
🌤️ दिनांक – 07 सितम्बर 2023
🌤️ दिन – गुरूवार
🌤️ विक्रम संवत – 2080
🌤️ शक संवत -1945
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – शरद ॠतु
🌤️ मास – भाद्रपद
🌤️ पक्ष – कृष्ण
🌤️ तिथि – अष्टमी शाम 04:14 तक तत्पश्चात नवमी
🌤️ नक्षत्र – रोहिणी सुबह 10:25 तक तत्पश्चात मृगशिरा
🌤️ योग – वज्र रात्रि 10:02 तक तत्पश्चात सिद्धि
🌤️ राहुकाल – दोपहर 02:10 से शाम 03:43 तक
🌞 सूर्योदय-05:21
🌤️ सूर्यास्त- 06:14
👉 दिशाशूल- दक्षिण दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण – श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (भागवत) नाथद्वारा,द्वारका,मथुरा,डाकोर मे श्रीकृष्ण-जन्मोत्सव),दही हांडी
💥 विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
जन्माष्टमी पूजन से पहले वेदी पर इन सभी को स्थापित कर पूजन करे और चंद्रमा को इस प्रकार अर्घ्य दे ऐसा करने से संसार के सभी सुख प्राप्त होंगे⤵️
🌷 श्रीकृष्ण-जन्माष्टमीव्रत की कथा एवं विधि 🌷
🙏 भविष्यपुराण उत्तरपर्व अध्याय – २४
👉🏻 गतांक से आगे….
🙏 कुछ लोग चन्द्रमा के उदय हो जानेपर चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान कर हरि का ध्यान करते हैं, उन्हें निम्नलिखित मन्त्रों से हरि का ध्यान करना चाहिये –
🌷 अनघं वामनं शौरि वैकुण्ठ पुरुषोत्तमम |
वासुदेवं हृषीकेशं माधवं मधुसूदनम ||
वाराहं पुण्डरीकाक्षं नृसिंहं ब्राह्मणप्रियम |
दामोदरं पद्यनाभं केशवं गरुड़ध्वजम |
गोविन्दमच्युतं कृष्णमनन्तमपराजितम |
अघोक्षजं जगद्विजं सर्गस्थित्यन्तकारणम |
अनादिनिधनं विष्णुं त्रैलोक्येश त्रिविक्रमम |
नारायण चतुर्बाहुं शंखचक्रगदाधरम |
पीताम्बरधरं नित्यं वनमालाविभूषितम |
श्रीवत्सांग जगत्सेतुं श्रीधरं श्रीपति हरिम || (उत्तरपर्व ५५/४६ – ५०)
🙏 इन मन्त्रों से भगवान् श्रीहरि का ध्यान करके ‘योगेश्वराय योगसम्भवाय योगपतये गोविन्दाय नमो नम:’ – इस मन्त्र से प्रतिमा को स्नान कराना चाहिये | अनन्तर ‘यज्ञेश्वराय यज्ञसम्भवाय यज्ञपतये गोविन्दाय नमो नम:’ – इस मंत्रसे अनुलोपन, अर्घ्य, धूप, दीप आदि अर्पण करें | तदनंतर ‘विश्वाय विश्वेश्वराय विश्वसम्भवाय विश्वपतये गोविन्दाय नमो नम: |’ इस मन्त्र से नैवेद्य निवेदित करें | दीप अर्पण करने का मन्त्र इसप्रकार हैं – धम्रेश्वराय धर्मपतये धर्मसम्भवाय गोविन्दाय नमो नम: |’
🙏 इसप्रकार वेदी के ऊपर रोहिणी-सहित चन्द्रमा, वसुदेव, देवकी, नन्द, यशोदा और बलदेवजी का पूजन करें , इससे सभी पापों से मुक्ति हो जाती हैं | चंद्रोदय के समय इस मन्त्र से चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करें –
🌷 क्षीरोदार्नवसम्भूत अत्रिनेत्रसमुद्भव |
गृहनार्घ्य शशाकेंदों रोहिण्या सहितो मम || (उत्तरपर्व ५५/५४)
🙏 आधी रात को गुड और घी से वसोर्धारा की आहुति देकर षष्ठीदेवी की पूजा करे | उसी क्षण नामकरण आदि संस्कार भी करने चाहिये | नवमी के दिन प्रात:काल मेरे ही समान भगवती का भी उत्सव करना चाहिये | इसके अनन्तर ब्राह्मणों को भोजन कराकर ‘कृष्णो में प्रीयताम’ कहकर यथाशक्ति दक्षिणा देनी चाहिये |
🙏 *धर्मनंदन ! इसप्रकार जो मेरा भक्त पुरुष अथवा नारी देवी देवकी के इस महोत्सव को प्रतिवर्ष करता हैं, वह पुत्र, सन्तान, आरोग्य, धन-धान्य, सदगृह, दीर्घ आयुष्य और राज्य तथा सभी मनोरथों को प्राप्त करता हैं | जिस देशमें यह उत्सव किया जाता है, वहाँ जन्म-मरण, आवागमन की व्याधि, अवृष्टि तथा ईति-भीती आदि का कभी भय नहीं रहता | मेघ समयपर वर्षा करते हैं | पांडूपुत्र ! जिस घर में यह देवकी-व्रत किया जाता हैं, वहाँ अकालमृत्यु नहीं होती और न गर्भपात होता हैं तथा वैधव्य, दौर्भाग्य एवं कलह नहीं होता | जो एक बार भी इस व्रत को करता हैं, वह विष्णुलोक को प्राप्त होता है | इस व्रत के करनेवाले संसार के सभी सुखों को भोगकर अंत में विष्णुलोक में निवास करते हैं |