योगेंद्र साव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की मुलाकात, विधानसभा क्षेत्र में विस्थापन संबंधित कई मामलों एवं उनके समाधान को लेकर की वार्ता

रांची/हजारीबाग/रामगढ़/पतरातू/ बड़कागांव:- पूर्व कृषि मंत्री झारखंड सरकार व पूर्व विधायक श्री योगेंद्र साव ने दिन सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की, इस दौरान बड़कागाँव विधायक अंबा प्रसाद भी मौजूद रहीं। मुलाकात के दौरान योगेंद्र साव ने हेमंत सोरेन को पुष्पगुच्छ भेंट किया। पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और विधायक अंबा ने विधानसभा क्षेत्र के कई ज्वलंत समस्याओं एवं उनके समाधान तथा विस्थापितों प्रभावितों के हक अधिकार दिलाने के लिए कई मामलों को बारीकी से रखा। पूर्व मंत्री ने ज्ञापन सौंपकर सर्वप्रथम विस्थापन आयोग के गठन की बात कही। उन्होंने कहा कि पूर्व में विधायक अंबा प्रसाद के प्रश्न पर सदन में यह घोषणा की गई थी कि विस्थापन आयोग का जल्द से जल्द गठन होगा परंतु वर्तमान तिथि तक विस्थापन आयोग का गठन नहीं हुआ है, लोगों को उनका हक एवं अधिकार नहीं मिल रहा है।

लोगों को फर्जी केस मुकदमे में फंसाने का धमकी दिया जाता है जिस पर तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है। योगेंद्र साव ने पूरे बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में विस्थापन से हो रही समस्या पर अवगत कराते हुए 18 वर्ष या उससे अधिक लोगों को एकल परिवार का दर्जा दिला कर लाभ दिलाने की वकालत की। वहीं उन्होंने जिस तिथि से विस्थापन हो रहा है उसे कट ऑफ डेट मानकर विस्थापितों को रोजगार सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड गठन करने की मांग की। खतियान आधारित विस्थापन कार्ड हो वहीं पूर्व में विधानसभा सत्र के दौरान भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को लागू करने के लिए जो माननीय मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की थी उसे जल्द से जल्द धरातल पर उतारने व 2013 के बाद खनन कार्य शुरू करने वाली कंपनियों के द्वारा संबंधित क्षेत्र के विस्थापित एवं प्रभावितों को भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत मुआवजा एवं अन्य सुविधाएं देने की मांग की। पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना बड़कागांव पर माननीय मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए उन्होंने कहा कि 17 नवंबर 2020 को झारखंड सरकार और एनटीपीसी के बीच हुई बैठक में मुआवजा एवं एन्यूटी दर बढ़ाने पर सफल वार्ता हुई थी परंतु उस बैठक के आलोक में लोगों को बढ़ी हुई मुआवजा दर वर्तमान में नहीं मिल रहा है जिस पर तत्काल उपायुक्त हजारीबाग को स्पष्ट दिशा निर्देश दिया जाए ताकि पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना से विस्थापित हुए लोगों को 25 लाख प्रति एकड़ मुआवजा मिले। पूरे बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र के सबसे मुख्य समस्या जो गैरमजरूआ भूमि का रैयती दर पर मुआवजा भुगतान से संबंधित था उस पर भी उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ध्यान आकृष्ट कराया एवं इस सबसे बड़ी समस्या का तत्काल हल निकालने का अनुरोध किया, सभी बातों को गौर से सुनने के पश्चात माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी ज्वलंत समस्याओं का त्वरित समाधान का आश्वासन दिया है।

11 नवंबर को केरेडारी प्रखंड के इतीज मे आयोजित पर्यावरणीय लोक सुनवाई को रद्द कर पारदर्शी तरीके से पुनः लोक सुनवाई की जाए आयोजित- योगेंद्र साव

दिनांक 11 नवंबर को केरेडारी प्रखंड क्षेत्र के ग्राम इतीज मे झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के द्वारा बगैर प्रचार प्रसार के नियम विरुद्ध आयोजित लोक सुनवाई को रद्द कर पुणे पारदर्शी तरीके से नियम संगत लोक सुनवाई आयोजित करने की मांग पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की। उन्होंने कहा कि उक्त लोक सुनवाई प्रभावित ग्राम पंचायत के बीच में होनी चाहिए थी लेकिन पर्यावरणीय लोक सुनवाई अति सुदूरवर्ती क्षेत्र में आहूत की गई और बगैर किसी प्रचार-प्रसार के लोक सुनवाई को सफल घोषित किया गया दलालों के माध्यम से करोड़ों रुपए खर्च कर कंपनी एवं कंपनी के नीतियों का विरोध करने वाले ग्रामीणों को डरा धमका कर उनकी आवाज को कुचलने का प्रयास किया गया उन्होंने कहा कि जब तक ग्रामीणों को किसी तरह का वन पट्टा नहीं दिया जाता है तब तक बाद जबरन खनन कार्य शुरू करने का काम नहीं किया जाए उक्त लोक सुनवाई सभी नियम कानूनों को ताक पर रखकर वह बगैर पारदर्शिता से किया गया जिसका आम जनमानस पुरजोर विरोध कर रहे हैं इसलिए ग्रामीणों की मांग पर पुनः नियम संगत लोक सुनवाई आयोजित किया जाए एवं पूर्व में आयोजित की गई लोक सुनवाई को रद्द किया जाए।

तत्कालीन रघुवर सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून में किए गए संशोधन को वापस ले राज्य की हेमंत सोरेन सरकार-अंबा प्रसाद

कंपनियों और पूंजीपतियों लाभ पहुंचाने की मंशा से भूमि अधिग्रहण कानून 2013 पर तत्कालीन रघुवर दास की सरकार के द्वारा की गई संशोधन को वापस लेने की भी माँग की। पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और विधायक अंबा प्रसाद ने हेमंत सोरेन से की। अंबा प्रसाद ने सदन में प्रभारी मंत्री जोबा मांझी के द्वारा घोषणा किए गए मामले पर ध्यान आकृष्ट कर कहा कि माननीय मंत्री ने सदन में या कहा था कि राज्य के हेमंत सोरेन सरकार भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में रघुवर दास सरकार द्वारा किए गए संशोधन को वापस लेगी और कंपनियों तथा पूंजीपतियों द्वारा ली गई जमीन का उपयोग नहीं करने पर उसे वापस किया जाएगा और जमीन को लैंड बैंक में रखने के प्रावधान में भी संशोधन करते हुए भू स्वामियों को उनकी जमीन वापस लौटाई जाएगी साथ ही क्षतिपूर्ति राशि भी वह स्वामियों को दिया जाएगा। उन्होंने माननीय मंत्री जोबा मांझी द्वारा की गई घोषणा के आलोक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राज्य के सभी उपायुक्तों को स्पष्ट दिशानिर्देश भेजने की मांग की ताकि कंपनी द्वारा अधिग्रहित की गई अनुपयोगी भूमि को लैंड बैंक में जमा करने के बजाय वह स्वामियों को वापस किया जा सके।

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