आदिवासी दान से नहीं, स्वाभिमान से जीना चाहता है : सुदेश कुमार महतो

रांची: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि आदिवासी दान से नहीं, स्वाभिमान से जीना चाहता है। जल, जंगल, जमीन की दुहाई देने वालों के शासन में सरकारी संरक्षण में संपदाओं का दोहन जारी है। सरकार ने जनजातीय समुदाय के राजनीतिक हैसियत तथा सामाजिक, आर्थिक रुप से कमजोर कर दिया तथा विकास के सभी मानकों में पीछे कर दिया। जनजातीय विकास की बातें सरकारी फाइलों और इश्तेहारों तक सीमित है।

बेरमो में आजसू पार्टी के द्वारा आयोजित अखिल झारखंड अनुसूचित जनजाति महासभा के जिला सम्मेलन में सुदेश कुमार महतो ने यह बातें कही। उन्होंने आदिवासियों मूलवासियों की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति पर विस्तार से चर्चा करते हुए सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला बोला।

वन क्षेत्र अधिकार कानून के बावजूद आदिवासियों को वाजिब हक नहीं मिल रहा। राज्य के मुखिया को वनाधिकार कानून को हमारे राज्य में लागू करने की हिम्मत नहीं। प्रतिदिन संपदाओं की लूट जारी है। ग्राम सभा और स्वशासन व्यवस्था की अहमियत को कम किया जा रहा है। वोट की खातिर आदिवासी समाज की क्षमता को कमजोर किया जा रहा है।

कहा कि सरकार जनजातियों की दशा और दिशा सुधार नहीं सकी। जनजातीय परिवार तक आजीविका और रोजगार कैसे पहुंचे, इसे लेकर सरकार ने कभी गंभीरता नहीं दिखाया ना ही कोई रोडमैप तैयार किया।

कहा कि हम और हमारी पार्टी ग्राम सभा, गांव की सरकार पर जोर देती रही है। आदिवासी समाज भी इसका प्रबल पैरोकार है। लेकिन झारखंड में पंरपरागत शासन व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने की कोशिशें जारी हैं। सरकारी तंत्र इस समाज की भावना को समझ नहीं पाता। इसकी वजह है कि तंत्र गांव से दूर है और जन की आवाज तंत्र तक पहुंच नहीं पाती। पलायन, विस्थापन जैसी समस्या बड़ी है। हिस्सेदारी का संकट है। खनिज का दोहन जनभावना के विपरीत हो रहा।

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