चंपाई सोरेन की सरकार में सीता चुप तो राम ने की बगावत….

रांची:झारखंड में नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है।
मंत्रिमंडल विस्तार होने के बाद सत्तापक्ष के एक दर्जन से अधिक विधायक बगावत हो गए हैं। इसमें कांग्रेस के 12विधायक रांची से दिल्ली शिफ्ट हो चुके हैं और आलाकमान से मिलकर अपनी मांगें मनवाने पर अड़े हुए हैं। नाराज विधायकों की एक ही मांग है सभी पुराने चेहरे को मंत्रिमंडल से बदला जाय। इनलोगों की दिल्ली में प्रदेश प्रभारी और प्रवेक्षक से कई दौर की बातचीत हो गई है।लेकिन नतीजा अबतक नहीं निकल पाया है। ये सभी विधायक जब तक उनकी मांगें मान नहीं मान ली जाती है तब तक दिल्ली में ही धरना देने का मन बना चुके हैं।
अब बात करते हैं झामुमो की तो यहां पर भी कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सीता को तो संगठन के नेतृत्व ने समझा बुझा कर मना लिया है।लेकिन राम के बगावती सुर अबतक कम नहीं हुए हैं। विधायक बैद्यनाथ राम की मांग मंत्री बनने की है। उन्होंने सीएम चंपाई सोरेन को दो दिन का समय दिया था। सोमवार यानी आज वह समय पूरा हो गया है। आज उनकी मांगों पर यदि कोई फैसला नहीं हुआ तो वे संगठन से वे अपना इस्तीफा दे देंगे। साथ ही लातेहार विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय लड़ने का ऐलान भी कर देंगे। वैसे विधायक के साथ बड़ी संख्या में दलित समाज के लोग हैं। यदि दलित समाज बगावत हो गया तो गठबंधन सरकार को 24 की लड़ाई में बहुत मुश्किल हो जाएगा। साथ ही नाराज कांग्रेस के विधायकों को भी मानने की संगठन को अलग टेंशन है।
कुल मिलाकर देखा जाय तो चंपाई सोरेन सरकार का टेंशन बरकरार है।
बहरहाल देखना होगा कि यह टेंशन कब तक समाप्त होता है।

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