अम्बेडकर जयंती पर लातेहार और चंदवा में इप्टा का सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा : शैलेन्द्र कुमार

लातेहार : ढाई आखर प्रेम का सांस्कृतिक राष्ट्रीय यात्रा 14 अप्रैल को लातेहार और चंदवा पहुंचेगी.अम्बेडकर जयंती पर लातेहार और चंदवा में जन नाट्य संघ (इप्टा) का सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा. इसकी जानकारी चंदवा के पथ निर्माण विभाग के विश्रामागार में इप्टा और बहुजन चेतना मंच के नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी है.

इप्टा के राष्ट्रीय सचिव शैलेन्द्र कुमार, इप्टा के झारखंड महासचिव उपेंद्र मिश्रा, बहुजन चेतना मंच के संरक्षक दीपू कुमार सिन्हा, किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार साहु, बहुजन चेतना मंच के संरक्षक सह झारखंड राज्य किसान सभा के जिला अध्यक्ष अयुब खान, मंच के प्रखंड अध्यक्ष सुरेश कुमार उरांव, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि असगर खान, बहुजन चेतना मंच के सचिव रविशंकर जाटव, कुलेश्वर कुमार ने दी है.

बताया कि आज़ादी के 75 साल के मौके पर निकलने वाली सांस्कृतिक यात्रा ढाई आखर प्रेम का असल में स्वतंत्रता संग्राम के गर्भ से निकले स्वतंत्रता – समता – न्याय और बंधुत्व के उन मूल्यों के तलाश की कोशिश है, जो आजकल नफरत, वर्चस्व और दंभ के तुमुलघोष में डूब सा गया है, वो हमारे घोषित संवैधानिक आदर्शों में झिलमिलाते हुये हर्फों के रूप में, गांधी की प्रार्थनाओं में और हमारी आशाओं में अभी भी चमक रहा है, जिसका दामन पकड़कर हमारे किसान गांधी की अंहिसा और भगत सिंह के अदम्य साहस के रास्ते अपनी कुबार्नी देते हुए डटे हैं.

यह यात्रा उन तमाम शहीदों, समाज सुधारकों एवं भक्ति आंदोलन और सूफीवाद के पुरोधाओं का सादर स्मरण है, जिन्होंने भाषा, जाति, लिंग और धार्मिक पहचान से इतर मनुष्य के मुक्ति एवं लोगों से प्रेम को अपना एकमात्र आदर्श घोषित किया

प्रेम जो उम्मीद जगाता है, प्रेम जो बंधुत्व, समता और न्याय की पैरोकारी करता है, प्रेम जो कबीर बनकर पाखंड पर प्रहार करता है, प्रेम जो भाषा, धर्म, जाति नहीं देखता और इन पहचानों से मुक्त होकर धर्मनिरपेक्षता का आदर्श बन जाता है.

इस यात्रा के बहाने बापू के पास चलें, भगत, अशफ़ाक, बिस्मिल और अनेकानेक शहीदों के पास चलें। उस हिंदुस्तान में चलें जो अंबेडकर के ख़्वाब में पल रहा था, जो विवेकानंद और रवींद्रनाथ टैगोर के मानवतावादी आदर्शों में व्यक्त हो रहा था.

जहां ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले और पंडिता रमाबाई जैसे लोग ज्ञान के सार्वभौम अधिकार के लिए लड़ रहे थे, जो आज तक भी हासिल नहीं किया जा सका है, वहीं अंधविश्वास और रूढ़िवाद के खिलाफ ईश्वरचंद्र विद्यासागर और राम मोहन राय सरीखे लोग तर्क बुद्धि और विवेक का दामन पकड़कर एक तर्कशील हिंदुस्तान के रास्ते चल रहे थे, यह रास्ता प्रेम का, ज्ञान का रास्ता है।
यह यात्रा नफ़रत के बरक्स प्रेम, दया, करुणा, बंधुत्व, समता से परिपूर्ण न्यायपूर्ण हिंदुस्तान को समर्पित है, जिसे हम और आप मिलकर बनाएंगे,

यह यात्रा देश के विभिन्न हिस्सों से चलकर गढ़वा के रास्ते डालटंनगंज होते हुए लातेहार चंदवा आएगी, इसके बाद राज्य का भ्रमण करता हुआ 17 अप्रैल, 2022 को रामगढ़ हजारीबाग होते हुए कोडरमा के रास्ते बिहार पहुंचेगी.

प्रेस कांफ्रेंस में सीपीआई के जिला सचिव मो0 अलाउद्दीन पप्पू, ओम प्रकाश गुप्ता, कांग्रेस सेवादल जिलाध्यक्ष बाबर खान व अन्य शामिल थे।

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