पुरोहितों ने किया वीआईपी पूजा का विरोध, केंद्रीय मंत्री पारस बाबा धाम से बैरंग लौटे

देवघरः केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को देवघर स्थित विश्व प्रसिद्ध वैद्यनाथ धाम के बाबा मंदिर प्रांगण में शनिवार को फजीहत का सामना करना पड़ा। वे बाबा धाम मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे थे। लेकिन, मंदिर प्रांगण में पहुंचते ही हंगामा शुरू हो गया। बताया जा रहा है कि कुछ स्थानीय लोगों और पंडों ने केंद्रीय मंत्री के वीआईपी दर्शन करने का विरोध जताया, लेकिन मंत्री ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री पारस सुबह में जैसे ही बाबा मंदिर में पूजा करने के लिए वीआईपी गेट से अंदर जाने लगे वहां मौजूद कुछ पंडों ने इसका विरोध जताना शुरू कर दिया। पंडों का कहना था कि श्रावणी मेले के दौरान उमड़ने वाली भीड़ को ध्यान में रखते हुए प्रशासन की ओर से वीआईपी दर्शन पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। ऐसी स्थिति में मंत्री को वीआईपी दर्शन की अनुमति कैसे दी जा सकती है। जिस समय यह हंगामा शुरू हुआ उस वक्त बाबा मंदिर के प्रांगण में भक्तों की भारी भीड़ भी जमा थी, जिसके बाद मंत्री बैरंग वापस लौट आए।
जब केंद्रीय मंत्री से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आज बाबा मंदिर के प्रांगण में काफी भीड़ थी। अंदर में गर्मी भी काफी ज्यादा थी, ऐसे में अंदर जा पाना उनके लिए मुमकिन नहीं था। इस बीच पंडा और पुलिस के लोग आपस में उलझ गए, जिसके कारण थोड़ी देर के लिए माहौल थोड़ा गर्म हो गया। बाद में मामले को शांत किया गया और फिर वो वापस लौट आए।
पटना में पिछले दिनों हुई विपक्ष की बैठक पर भी केंद्रीय मंत्री ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि यह देश एक अरब 40 करोड़ लोगों का है। यहां सबके अपने-अपने मुद्दे हैं। ऐसे में विपक्ष की यह बैठक कभी सार्थक नहीं हो पाएगी। यही वजह थी कि बैठक के बीच से ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उठकर निकल गए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष के जितने भी नेता है, उन सब की महत्वाकांक्षा प्रधानमंत्री बनने की है, लेकिन पद तो एक है, लेकिन उसके दावेदार कई है। लिहाजा विपक्ष में एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति है यही वजह है कि विपक्षी एकजुटता मुमकिन नहीं है।

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