जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट से नीतीश सरकार को नहीं मिली राहत

नई दिल्ली : बिहार में जातीय जनगणना पर रोक के पटना हाईकोर्ट के फैसले नीतीश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिए हैं कि पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने कहा कि पटना हाईकोर्ट में मामला लंबित है। पहले 3 जुलाई को हाईकोर्ट को सुनने दीजिए, अगर वहां से राहत नहीं मिलती तो आप यहां आ सकते हैं।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने कहा कि हाईकोर्ट ने इस मामले में हमारा पूरा पक्ष नहीं सुना और तत्काल रोक लगा दी। यह भी बताया गया कि सर्वे का 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। हमें सर्वे का काम पूरा करने दीजिए। हमें सिर्फ 10 दिन का समय दिया जाए, ताकि हमारा सर्वे पूरा हो जाए।
राज्य सरकार ने पिछले साल जातीय जनगणना कराने का फैसला किया था
इसका काम जनवरी 2023 से शुरू हुआ था। इसे मई तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब हाईकोर्ट ने इस पर 3 जुलाई तक रोक लगा दी है।
रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में 6 याचिकाएं
बिहार सरकार के जातीय जनगणना कराने के फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में 6 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इनमें जातीय जनगणना पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जहां चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की बेंच ने इस पर 3 जुलाई तक रोक लगा दी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *