नीतू नवगीत ने लोकगीतों से जमाया रंग

तपोवन. गया जिला प्रशासन द्वारा मकर संक्रांति के पावन अवसर पर आयोजित तपोवन महोत्सव में प्रसिद्ध गायिका कविता पौडवाल ने हिंदी गीतों से तो बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने मगही और भोजपुरी गीतों से रंग जमाया। स्थानीय बोली और भाषा का सुंदर समन्वय करते हुए नीतू नवगीत ने लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की प्रसिद्ध रचना पिया गइले कलकतबा ए सजनी गाकर सुनाया जिसमें प्यारी सुंदरी का वियोग झलकता है। नीतू नवगीत ने परदेसी बलमुआ से ना अइले गाकर लोगों को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने दर्शकों की विशेष मांग पर महेंद्र मिसिर की रचना अंगुली में डसले बिया नगिनिया रे ननदी दियरा जरा द गाकर सुनाया जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। मकर संक्रांति के साथ होली की आहट भी सुनाई देने लगती है । सांस्कृतिक कार्यक्रम में नीतू नवगीत ने बहुत सारे होली गीतों की प्रस्तुति की जिनमें बाबा हरिहर नाथ सोनपुर में होली खेले, रंग उड़ेला गुलाल ए पिया कहिया ले अईबा, गोरिया करिके सिंगार अंगना में पिसेली हरदिया जैसे गीत शामिल रहे। लोक गायिका नीतू नवगीत के साथ संजय मिश्रा ने कैशियो पर, भोला पासवान ने नाल पर, अशोक कुमार ने बैंजो पर, संजय कुमार ने पैड पर और ऋषभ ने ढोलक पर रंग जमाया। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद आयोजकों द्वारा लोक गायिका नीतू नवगीत को सम्मानित भी किया गया।

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