विधानसभा में नीरा यादव ने उठाया महिला आयोग का मामला

रांची : झारखंड विधानसभा में महिला आयोग में अध्‍यक्ष और सदस्‍य नहीं होने का मामला उठा। भाजपा विधायक डॉ नीरा यादव ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुदान मांग पर कटौती प्रस्ताव रखते हुए यह मुद्दा उठाया। विधायक नीरा यादव ने कहा कि केंद्र सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से काम कर रही है। झारखंड का दुर्भाग्य है कि यहां 26 महीने से महिला आयोग खाली है। आयोग में अध्यक्ष और सदस्य नहीं हैं. यही हाल बाल संरक्षण आयोग का भी है।
विधायक ने कहा कि 26 महीने में राज्य में महिला उत्पीड़न की घटना बढ़ी है। महिला उत्पीड़न के मामले में झारखंड आज देश में अव्वल है। सरकार ने छात्राओं को केजी से लेकर पीजी तक मुफ्त शिक्षा देने का वादा किया था। यह पूरा नहीं हुआ। पूर्व की सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई महिला सशक्तिकरण की योजना को बंद कर दिया गया है।
विधायक ने कहा कि पूर्व सरकार ने एक रुपये में महिलाओं के नाम पर 50 लाख रुपये की संपत्ति की रजिस्ट्री की व्यवस्था की थी। इसे सरकार ने बंद कर दिया। महोलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए राजमिस्त्री का प्रशिक्षण दिलाकर काम लिया जाता था। इसकी चर्चा पूरे देश में हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में भी इसकी तारीफ की थी। यह भी बंद है। वर्ष, 2017 में केंद्र सरकार ने पोषण सखियों के मानदेय का भुगतान राज्य को मद से करने को कहा था। पूर्व की सरकार 2019 तक अपने मद से मानदेय दी। वर्तमान सरकार में पोषण सखियों को मानदेय नहीं मिल रहा है। अब तो उन्हें हटाने की बात हो रही है। उन्‍होंने पूछा कि क्या पोषण सखी का काम कर रही महिलाएं स्थानीय नहीं हैं, मूलवासी-आदिवासी नहीं हैं।

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