कांग्रेस भवन में मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती मनाई गई

रांची : झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में शुक्रवार को देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर कांग्रेसजनों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए मौलाना आजाद के बहुमुखी व्यक्तित्व की चर्चा की तथा  उन्हें महान् शिक्षाविद एवं शिक्षा का प्रतिबिम्ब बताया। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा के विकास में मौलाना आजाद के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंनेें कम उम्र में जो उपलब्धि हासिल की थी, वह बेमिसाल है और उनके लेखन, विचारों से संबंधित दस्तावेज को प्रकाशन करना चाहिए ताकि आज के युवा, छात्र उनके कृति को जान सके और उनके अनुरूप अपने को ढाल सके।

वक्ताओं ने कहा कि मौलाना साहब प्रथम पंक्ति के समाजसेवी, सफल राजनीतिज्ञ एवं राजनेता थे। मौलाना आजाद से प्रभावित होकर ही अल्पसंख्यक समुदाय ने कांग्रेस के झण्डे तले स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। मौलाना आजाद नजरबंदी के दौरान रांची में रहे और यहां उन्होंनें हिन्दु -मुस्लिम एकता पर जो कार्य किया वह अविस्मरणीय है। आज देष में उच्च स्तरीय षैक्षनिक ढांचा है वह मौलाना आजाद की देन है। यू. जी. सी. आई. टी. संघ लोक सेवा आयोग मौलाना आजाद की देन हैं। मौलान आजाद ने संयुक्त संस्कृति के माध्यम से देश को एक पिरोने का कार्य किया।

    जयन्ती समारोह को सर्वश्री केशव महतो कमलेश, अमुल्य नीरज खलखो, राजीव रंजन प्रसाद, राकेश सिन्हा, डॉ एम तौसीफ, डॉ राकेश किरण महतो, सतीश पॉल मुंजनी, विनय सिन्हा दीपू, जदगीश साहु , निरंजन पासवान, नेली नाथन, जितेन्द्र त्रिवेदी, शहीद अंसारी, सुरेन राम, अजय कुमार, छोटू सिंह, अजय सिंह, पंकज तिवारी, सुनील प्रसाद, बिटटू कुमार, दिनेश लाल सिन्हा, नरेन्द्र लाल गोपी, दामोदर प्रसाद, एवं रामानंद केशरी सहित अन्य कांग्रेसजन शामिल थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *