हृदय रोग से बचाव के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी : डॉ.एम हसनैन

रांची। तनावपूर्ण दिनचर्या, व्यस्ततम जीवनशैली और खानपान में गड़बड़ी का सीधा प्रभाव हार्ट पर पड़ता है। उक्त कारणों से तकरीबन 10 से 15 प्रतिशत युवाओं में हार्ट अटैक की समस्या 40 वर्ष से कम उम्र में ही देखने को मिल रही है। हार्ट अटैक व हृदय रोग की समस्या से बचाव के लिए जीवन शैली में बदलाव और आम लोगों में इसके प्रति जागरूकता जरूरी है। उक्त बातें शहर के प्रख्यात फिजीशियन डॉ.एम हसनैन ने चिकित्सक दिवस (एक जुलाई) के मौके पर अपने संदेश में कही।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में हृदय रोग की समस्या काफी बढ़ रही है। विगत कुछ वर्षों से युवाओं में हर्ट अटैक की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। खानपान में गड़बड़ी और निष्क्रिय जीवनशैली के कारण अधिकतर लोग हृदय रोग की समस्याओं से ग्रसित हो रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक हमारे देश में हृदय रोगियों की संख्या अन्य देशों की तुलना में अधिक है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में 65 से 70 प्रतिशत लोगों में हृदय रोग की समस्याएं हैं। इस पर काबू पाने के लिए देशव्यापी जागरूकता अभियान जरूरी है। ताकि लोग हार्टअटैक से जुड़ी समस्याओं और इसके प्रारंभिक लक्षणों के बारे में सही तरीके से समझ सकें। उन्होंने कहा कि मोटापा भी हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण है। जिन्हें देर से सोने की आदत होती है और नींद की समस्या है, उनमें हृदय रोग के साथ-साथ उच्च रक्तचाप की परेशानियां भी होती हैं। जंक फूड/फास्ट फूड का अधिक सेवन, गलत समय और गलत मात्रा में भोजन करना और असंतुलित खानपान से शरीर का सिस्टम खराब होता है। उन्होंने कहा कि युवाओं में हृदयाघात का मुख्य कारण धूम्रपान और अल्कोहल का अत्यधिक सेवन है।
डॉ. हसनैन ने बताया कि आधुनिक जीवन शैली के दौर में युवा तनाव की चपेट में आ रहे हैं। अधिक धनार्जन करने की चाहत में एक ही जगह कई-कई घंटे बैठकर काम करना,असमय नींद लेना, देर तक सोना और लंच के समय ब्रेकफास्ट करने की आदत का असर भी स्वास्थ्य पर पड़ता है। इससे शारीरिक निष्क्रियता और आलस्य बढ़ता है।
डॉ.हसनैन ने बताया कि वर्तमान में हृदय रोग के साथ-साथ डायबिटीज व हाइपरटेंशन की समस्या भी बढ़ रही है। दवाओं के सेवन के साथ-साथ जीवनशैली में सुधार करने से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। समय पर रोगों की पहचान जरूरी है और चिकित्सकों की सलाह लेकर सही दवाओं का सेवन करने से काफी हद तक इस पर काबू पाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा के साथ-साथ जीवनशैली में सुधार करके भी हृदय रोग, डायबिटीज, हाइपरटेंशन को नियंत्रित किया जा सकता है।
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  • इन पर अवश्य ध्यान दें:
    डॉ. हसनैन ने कहा कि स्वस्थ आहार, नियमित शारीरिक सक्रियता, योगासन और वजन को नियंत्रित करके सेहत से जुड़ी इन गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हाइपरटेंशन, डायबिटीज और हार्ट अटैक से बचने के लिए अपनी दिनचर्या को अनुशासित रखें, अपना वजन नियंत्रित रखें, हार्ट की बीमारी के प्रारंभिक लक्षणों की कभी अनदेखी न करें। जरा सी भी समस्या होने पर अनुभवी व योग्य चिकित्सकों की सलाह लें। शारीरिक सक्रियता बनाए रखें, नियमित व्यायाम करें, योग व मेडिटेशन करके तनावमुक्त जीवन व्यतीत करें। मादक द्रव्यों के सेवन से परहेज करें। 40 वर्ष से उम्र यदि अधिक हुई हो तो वर्ष में एक बार अपने पूरे शरीर का चेकअप अवश्य कराएं। साथ ही अधिक तैलीय चीजों के सेवन न करें। इससे हार्टअटैक, डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां नियंत्रित करने में सफल हो सकते हैं।

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