ओएसिस स्कूल में धूमधाम से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया

हजारीबाग: कल्लू चौकमंई रोड स्थित ओएसिस स्कूल के सभागार में मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया एवं इस ऐतिहासिक अवसर पर महिला सम्मान समारोह का भव्य आयोजन कर विद्यालय शिक्षिकाओं एवं छात्राओं को सम्मानित किया गया। इस ऐतिहासिक मौके पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विद्यालय के माननीय प्राचार्य श्री एहसानुल हक़ ने सर्वप्रथम अंतरार्ष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनायें एवं बधाई दी एवं महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रसंशा और प्रेम समर्पित करते हुए महिलाओं के आर्थिक सामाजिक एवं राजनितिक उपलप्द्धियों एवं कठिनाईओं के विरुद्ध संघर्ष पूर्ण सफलता के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता हैk उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है की विद्यालय में कार्यरत महिला शिक्षिकाओं सहित अन्य महिलाकर्मी का कार्य काफी प्रशंसनीय है। उन्हें हमेशा उनका उत्साह काफी साहसिक एवं उत्साह वर्धक प्रतीत हुआ है। यहाँ की सभी महिलाकर्मी शिक्षण सहित सभी गतिविधियों में पुरुषों के साथ कन्धा से कन्धा मिला कर हमेशा अग्रसर रहती है जिसके परिणाम स्वरुप विद्यालय ने कोरोना संकट के लम्बी अवधि के बाद भी ऊचाई;ksa को छूते हुए नित नये कृतिमान गढ़ते रहे तथा यहाँ के विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य को सवांरते रहे। यहाँ के सभी बच्चे लम्बे समय के उपरांत विद्यालय खुलने के पश्चात अपनी पढ़ाई से काफी खुश व संतुष्ट हैं। वे बड़ी ही नीडरता के साथ परीक्षा में उत्साहपूर्ण सम्मिलित हो रहे हैं।
इस ऐतिहासिक अवसर पर विद्यालय प्राचार्य ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन एवं उपलप्द्धि के लिए प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अवार्ड दिए जाने की घोसना की। इस वर्ष यह अवार्ड शिक्षिका मिस हीना आफरीन एवं विद्यालय की दो उत्कृष्ट छात्राओं नीलोफर जहाँ एवं सुमन कुमारी को माननीय चेयरमैन श्री सब्बीर अहमद एवं कोषाध्यक्ष श्री तनवीर अहमद के पावन हाथों से प्रदान किया गया।
मौके पर चेयरमैन महोदय ने कहा की आज हमें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हमें शपथ लेने की आवश्यकता है कि हम सभी जीवन भर महिलाओं के सम्मान के लिए समर्पित रहेंगे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए माननीय कोषाध्यक्ष श्री तनवीर अहमद ने कहा कि प्राचीन समय से ही स्त्रीयाँ कभी माता के रूप में तो
कभी बहन के रूप में तो कभी पावन सहभागनी पत्नी के रूप में विपरीत परिस्थितियों में आगे बढ़कर मार्ग दर्शन किया। और वर्त्तमान में भी महिलाएं आगे है। वे सहनशीलता कि साक्षात् मूर्ति हैं। वे समाज कल्याण के लिए रानी लक्ष्मीबाई की भांति सदैव तत्पर रहती हैं तथा कोई भी क़ुरबानी देने को तैयार रहती है। अतः संपूर्ण नारी जाती को हमारा शत-शत नमन।

मंच पर उपस्थित अतिथि

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *