जनता खुश होगी, तो राज्य बनेगा खुशहाल: आलमगीर आलम

रांची। सरकार जनता की भलाई के लिए है, योजनाएं जनता को समृद्ध और स्वावलंबी बनाने के लिए क्रियान्वित की जाती हैं, ताकि जनता के जीवन में खुशहाली लाई जा सके। जनता खुश होगी, तो राज्य में भी खुशहाली आएगी। ये बातें ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने प्रोजेक्ट भवन के द्वितीय तल स्थित सभागार में सीएसपी के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान कही।
श्री आलमगीर आलम ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान विकास बाधित हुआ। इसके बाद भी सरकार के प्रयासों को पूरे देश ने सराहा, क्योंकि हमने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के कई अवसर मनरेगा और जेएसएलपीएस के माध्यम से उपलब्ध कराया। मनरेगा के तहत कई योजनाएं ली गईं । साथ ही बड़ी संख्या में लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने का काम जेएसएलपीए के माध्यम से किया गया। आज वर्षा के अभाव में किसान परेशान हैं, इसके लिए जल समितियों के माध्यम से बंद पड़े नदी नालों के जीर्णोद्धार का काम आरंभ किया गया था। हालांकि, उसमें लक्ष्य के अनुरूप सफलता नहीं मिल पाई और प्रयास आज भी हम कर रहे हैं। उन्होंने कहा की सीएफपी (क्लस्टर फेसिलिटेशन प्रोजेक्ट) के माध्यम से मनरेगा में क्रांतिकारी बदलाव आयेंगे। ग्राम, प्रखंड, जिला व राज्य स्तर पर मनरेगा योजनाओं का क्रियान्वयन सफलता के नए आयाम स्थापित करेगा, क्योंकि सीएफपी का मकसद मनरेगा कार्यों का समय पर भुगतान, सही योजना का चयन और किए गए कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखनी है। उन्होंने पीएम आवास योजना के संदर्भ में कहा की केंद्र सरकार ने हमें एक लाख 75 हजार आवास के निर्माण का लक्ष्य दिया है। इस योजना में हम 50 हजार रुपये अतिरिक्त एक आवास पर राज्य सरकार के मद से देने जा रहे हैं, ताकि पीएम आवास योजना में लाभुक एक कमरे अतिरिक्त बना सकें।

योजनाओं की मॉनिटरिंग के साथ होगी जीआईएस मैपिंग: डॉ मनीष रंजन

ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ मनीष रंजन ने कहा कि सीएफपी को मनरेगा से जोड़ने जा रहे हैं। इससे मनरेगा से जुड़ी योजनाओं में बड़ा बदलाव आएगा। इस योजना का पहला वर्जन 2014 में 21 जिलों के 74 प्रखंडों में लॉन्च किया गया था, जो अब पूरे देश में लागू किया जा रहा है। सीएफपी परियोजना को राज्य के 23 जिलों के विभिन्न प्रखंडों में लागू किया जा रहा है। सीएफपी से योजनाएं अब अधिक वैज्ञानिक होंगी। योजनाओं को जीआईएस आधारित तैयार किया जाएगा। साथ ही क्षेत्र की जरूरत के हिसाब से योजनाएं बनाई जा सकेंगी। योजनाओं की प्लानिंग में जीआईएस सहयोग करेगा। उन्होंने कहा की सीएफपी से समस्याओं को प्रखंड स्तर से लेकर राज्य स्तर तक निष्पादन किया जा सकेगा और आजीविका से संबंधित कार्यक्रमों से 65 प्रतिशत योजनाओं को जोड़ा जा सकेगा। इसके अलावा आजीविका से जुड़े प्रोग्राम का विश्लेषण भी संभव हो जायेगा। उन्होंने बताया कि सीएफपी के मनरेगा से जुड़ने के बाद एसेट मैनेजमेंट आसानी से होगा और योजनाओं को निर्माण से लेकर उसकी उपयोगिता तक की मॉनिटरिंग की जा सकेगी।

ई रूरल एसेट मैनेजमेंट सिस्टम ऐप होगा लॉन्च

विभागीय सचिव ने बताया कि जल्द ही विभाग एक ऐप लॉन्च करेगा, जिसमें बीते 20 वर्षों की योजनाओं का पूर्ण विवरण शामिल होगा। अगर आप अपने क्षेत्र में ग्रामीण विकास के कार्यों की स्थिति से अवगत होना चाहें, तो ऐप के माध्यम से मोबाइल पर ही पूरी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। खुशी की बात यह है कि झारखंड के इस प्रयास को भारत सरकार ने भी काफी सराहा है।

झारखंड के प्रोजेक्ट को मिली देशव्यापी पहचान – श्रीमती राजेश्वरी बी

मनरेगा आयुक्त श्रीमती राजेश्वरी बी ने कहा कि यह हमारे लिए खुशी की बात है कि पूरे देश में झारखंड पहला ऐसा राज्य है, जहां सीएसपी सबसे पहले लॉन्च हो रहा है। उन्होंने कहा की 2014 में सीएफपी का पहला वर्जन लॉन्च किया गया था, जिसकी सफलता के बाद भारत सरकार ने इस योजना को पूरे देश में लॉन्च करने की योजना बनाई है। यह हमारे लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि हमने मनरेगा से इसे जोड़ कर मनरेगा से जुड़ी योजनाओं को ज्यादा वैज्ञानिक बनाने का प्रयास किया है। मनरेगा योजनाओं के क्रियान्वयन में जीआईएस विशेषज्ञ जिला एवं राज्य स्तर पर सहयोग करेंगे, ताकि योजनाओं को पारदर्शी तरीके की क्रियान्वित किया जा सके।
इस मौके पर सीएफपी को लेकर एक पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से विशेष सचिव श्री राम कुमार सिन्हा, संयुक्त सचिव श्री अरुण कुमार सिंह, अवर सचिव श्री चंद्रभूषण एवं 23 जिलों के उप विकास आयुक्त, प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित कई पदाधिकारी शामिल थे।

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