बिजली की रोशनी से जगमग हुआ माता का दरबार

रजरप्पा : वासंतिक चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन की गई मां स्कंदमाता की पूजा, उत्तर भारत का सुप्रसिद्ध सिद्ध पीठ स्थल रजरप्पा में आदिशक्ति माता रानी छिन्नमस्तिका दरबार को खूबसूरत फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है। इसके साथ ही रात में रंग बिरंगी बिजली की चकाचौंध रोशनी से शाम होते ही माता रानी का दरबार जगमगाने लगा है। छिन्नमस्तिका मंदिर में भक्तों का आने का सिलसिला हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। देश प्रदेश एवं विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे श्रद्धालुओं द्वारा यहां की खूबसूरती को सेल्फी लेते देखे जा रहे हैं। कोलकाता से आए दो दर्जन से अधिक साज सजा करने वाले कारीगरों ने एक सप्ताह तक लगातार दिन रात मेहनत कर  मंदिर को खूबसूरत ढंग से सजाया है। छिन्मस्तिका मंदिर के पुजारी  असीम पंडा, शुभाशीष पंडा, छोटू पंडा ने बताया कि मंदिर की सजावट काफी आकर्षक ढंग से किया है। उन्होंने आगे बताया की छिन्नमस्तिका मंदिर दिन में मनमोहक और खूबसूरत महकते खुशबूदार फूलों की सजावट दिखेगी,देर शाम ढलते ही रंग बिरंगी बिजली रोशनी से माता का दरबार  चकाचौध नजर आएगा। मंदिर को सजाने में कोलकाता से आए 25 कारीगरों की टीम सजावट  को अंतिम रुप दिया है।

पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर से आए कारीगर राजू कुमार ने बताया कि उनके साथ दो दर्जन से अधिक सजाने संवारने वाले कारीगरों की टीम काम कर रही है। हर वर्ष शारदीय और चैत्र नवरात्रि के अवसर पर एआईएमआईएल नामक दवा कंपनी द्वारा देशभर के कई प्रसिद्ध मंदिरों में विभिन्न तरह के फूलों से सजावट की जाती है। कारीगर राजू कुमार के अनुसार, दवा कंपनी द्वारा झारखंड के सुप्रसिद्ध हिंदू धर्म स्थल बुंडू स्थित देवड़ी मंदिर, चतरा जिला के इटखोरी के माता भद्रकाली मंदिर में भी फूलों से सजावट की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि शारदीय और चैत्र नवरात्र के मौके पर जम्मू कश्मीर स्थित माता वैष्णो देवी, असम के कामरूप कामाख्या और पंजाब के अमृतसर स्थित दुर्गा मंदिर को भी कंपनी द्वारा आकर्षक फूलों से सजाया गया है। जिसका सारा खर्च एआईएमआईएल नामक दवा कंपनी  उठाती हैं। ।  

पांचवें दिन दिन हुई मां स्कंदमाता की पूजा

बासंतिक नवरात्रि के पांचवें दिन शनिवार को स्कंदमाता की विधि विधान से की गई पूजा अर्चना हुई।  इस अवसर पर सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर के प्रांगण  के विभिन्न हवन कुंडों में बैठे साधकों ने माता कुष्मांडा  की  पूजा किया।  आचार्य रामशरण गिरी बाबा ने बताया कि इनके पूजा मन से करने से मां सभी की मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। 

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