भाजपा स्थानीय और नियोजन नीति चाहती है, तो राजभवन से जल्द संदेश भिजवाएः प्रदीप यादव

रांचीः झारखंड विधानसभा में भाजपा द्वारा स्थानीय नियोजन नीति के नाम पर बार-बार सदन बाधित करने को लेकर कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने तीखा हमला बोला. अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि इसी हाउस ने स्पेशल सत्र बुलाकर 1932 खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति और ओबीसी आरक्षण 27% करने का बिल पास किया था. मगर राजभवन ने इस बिल को वापस कर दिया. वह भी संवैधानिक प्रक्रिया को ताक पर रख कर. इतने महीने बाद भी राजभवन ने अपना संदेश विधानसभा सचिवालय को नहीं भिजवाया है. वाकई में भाजपा ईमानदारीपूर्वक चाहती है कि 1932 के आधार पर स्थानीय नियोजन नीति बने और ओबीसी को आरक्षण मिले, तो भाजपा राजभवन जाकर राज्यपाल का संदेश विधानसभा सचिवालय को भिजवाये. इस मामले में राजनीति ना करे. भाजपा समर्थित बिहार और यूपी के लोगों ने ही हेमंत सरकार की स्थानीय नीति को कोर्ट में चैलेंज किया है. अब यही लोग फिर पिछले दरवाजे से राजभवन द्वारा इन तीनों नीति को लटकाने का काम करवा रहे हैं. सदन में ड्रामा कर रहे हैं. लोगों को बरगला रहे हैं. पर राज्य की जनता सारा कुछ समझ चुकी है. भाजपा को तो स्थानीय नियोजन नीति पर बोलने का हक नहीं है. इसी सदन में ये लोग कहते हैं की नियुक्ति नहीं हो रही है और जब सरकार नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करती है, तो यह लोग बोलते हैं कि शिक्षक नियुक्ति को कोर्ट में चैलेंज करेंगे. भाजपा के लोगों का चाल, चेहरा और चरित्र झारखंड के सभी लोग देख रहे हैं. जनता ही इनकाे जवाब देगी। वहीं अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एक सौ यूनिट फ्री बिजली का लाभ झारखंड के आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग नहीं उठा पा रहे हैं. राज्य के कई ऐसे आदिवासी बहुल क्षेत्र हैं, जहां अभी तक बिजली विभाग ने मीटर ही नहीं लगाया है, जिसके कारण उन्हें फिक्स बिजली बिल का भुगतान करना पड़ रहा है. इसलिए बिजली विभाग सरकार की योजना पर पानी फेरने का काम बंद करें और जल्द से जल्द मीटर लगाने का काम शुरू करे, ताकि इस योजना का फायदा आदिवासी समाज को मिल सके. प्रदीप यादव ने कहा कि झारखंड फिर सूखे की चपेट में आने वाला है. अभी तक सूखा राहत की राशि 3200000 में से मात्र 1200000 किसानों को ही मिला है. वहीं 60% किसानों का ही कर्जमाफी हो सका है. यानी 40% किसान अभी भी इस योजना के लाभ से वंचित हैं. इसलिए सरकार जल्द से जल्द सभी किसानों का कर्ज माफी करे, ताकि किसानों को राहत मिल सके.

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