18 फरवरी को हुंकार महारैली ऐतिहासिक होगा: शीतल ओहदार

रांची: टोटेमिक कुड़मी/कुरमी (महतो) समाज के मुख्य संयोजक शीतल ओहदार ने कहा कि कुड़मी/कुरमी महतो जनजाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में सुचिवद्ध करने और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आगामी 18 फरवरी 2024 को मोरहाबादी मैदान रांची में कुड़मी हूंकार महारैली का आयोजन किया गया है। जिसमें लाखों की संख्या में कुड़मी समाज के लोग अपने पारंपरिक वेशभूषा, अपने पारंपरिक नाच-गाना जैसे छऊ नाच, झुमर नाच, पता नाच,नटुवा नाच,घोड़ा नाच एवं गाजा-बाजा के साथ शामिल होंगे ,जिसकी ग्राम स्तर पर वृहद रूप में तैयारी की जा रही है। श्री ओहदार ने कहा कि हूंकार महारैली की आह्वान पुरे झारखंड में फैल गया है क्यों कि कुड़मी समाज के ऊपर चौतरफा हमला हो रहा है, समाज 73 वर्षों से अपने पहचान और संवैधानिक अधिकार से वंचित हैं। किंतु युवा वर्ग अपने अधिकार के प्रति सजग हो गये हैं इसलिए अब आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। उन्होंने कुड़मी सांसदों से भी आग्रह किया है कि अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग को ज़ोरदार तरीके से उठाना चाहिए। उन्होंने कुड़मी के ऐतिहास की जानकारी देते हुए कहा की 3 मई 1913 को प्रकाशित इंडिया गजट नोटिफिकेशन नं० 550 में ओबरिजिनल एनीमिस्ट मानते हुए छोटा नागपुर के कुड़मीयों को अन्य आदिवासियों के साथ भारतीय उत्तराधिकार कानून 1865 के प्रधानों से मुक्त रखा गया तथा 16 दिसंबर 1931 को प्रकाशित बिहार -उड़ीसा गजट नोटिफिकेशन नं० 49 पटना में भी साफ-साफ उल्लेख किया गया कि बिहार -उड़ीसा में निवास करने वाले मुंडा, उरांव ,संथाल, हो भूमिज, खड़िया,घासी, गोंड़ , कांध कोरवा, कुड़मी , माल सौरिया और पान को प्रिमिटिव ट्राइब मानते हुए भारतीय उत्तराधिकार कानून 1925 से मुक्त रखा गया। कुड़मी जनजाति को सेंसस रिपोर्ट 1901 के वॉल्यूम (1) में पेज 328 -393 में, सेंसस रिपोर्ट 1911 के वॉल्यूम (1) के पेज 512 में तथा सेंसस रिपोर्ट 1921 के वॉल्यूम (1) में 356 – 365 में स्पष्ट रूप से कुड़मी जनजाति को एबोरिजनल एनीमिस्ट के रूप में दर्ज किया गया। पटना हाई कोर्ट के कई जजमेंट में भी कुड़मी को जनजाति माना है, इनके अलावा बहुत सारे दस्तावेज होने के बावजूद भी केंद्र सरकार कुड़मी /कुरमी जनजाति को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर रखा गया है। जिसके कारण आज कुड़मी जनजाति अन्य सभी जनजातियों से रोजगार, शिक्षा के साथ-साथ राजनीतिक भागीदारी में भी अंतिम पायदान पर चला गया है। आज समाज हर दृष्टिकोण से पीड़ित और शोषित है इसीलिए हूंकार महारैली में लगभग पांच लाख की संख्या में समाज के लोग शामिल होंगे,यह अब तक का ऐतिहासिक महारैली होगा। प्रेस वार्ता में प्रधान महासचिव रामपोदो महतो, महिला मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष सुषमा देवी, केंद्रीय कोषाध्यक्ष सखीचंद महतो संरक्षक दानि सिंह महतो, प्रवक्ता क्षेत्र मोहन महतो, उपाध्यक्ष रूपलाल महतो, जिला अध्यक्ष सोना लाल महतो, सिल्ली प्रभारी शशि रंजन महतो, रावंति देवी ,रविता देवी, मालती देवी,रंजीत महतो आदि उपस्थित थे।

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