सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश प्रभारी और अध्यक्ष को पदमुक्त करने को ले आंदोलन का किया शंखनाद

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अंदर अंतर्कलह थामने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के खिलाफ प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ता ही खिलाफ होते जा रहे हैं। इसकी झलक गुरुवार को मोरहाबादी मैदान स्थित बापू वाटिका में देखने को मिला है। यहां पर बापू की शरण में प्रदेश नेतृत्व से असंतुष्ट नेताओं का जमावड़ा लगा। सैकड़ों की संख्या में आए कार्यकर्ता संध्या 4.00 बजे से 7.00 बजे तक महाधरना सत्याग्रह पर बैठे और नगाड़ा बजाकर शंखनाद किया। पिछले दिनों पार्टी  द्वारा निलंबित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे,लाल किशोर नाथ शहदेव,राजेश गुप्ता,साधुचरण गोप और रमेश उरांव सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे थे।गोड्डा जिला कांग्रेस महासचिव मनोज झा सहित संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने महाधरना में बैठे और एक स्वर से प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की मांग आलाकमान से की एवं सभा आयोजित किया।
सभा को संबोधित करते हुए आलोक कुमार दूबे ने कहा प्रभारी अविनाश पाण्डेय अच्छे आदमी हैं और एनएसयूआई,युवक कांग्रेस की पृष्ठभूमि से निकलकर राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव बने हैं, संगठन के निष्ठावान एवं कर्मठ नेता भी हैं। परन्तु ऐसी कौन सी मजबूरी है जो निकम्मे एवं अनुपयोगी अध्यक्ष को ढ़ो रहे हैं।जिस व्यक्ति का न कोई अपनी पकड़ है,नां कोई राजनैतिक हैसियत है और नां पहचान है। चाटुकारिता और गणेश परिक्रमा कर एक व्यक्ति ने आलाकमान को झांसा देकर अध्यक्ष बना दिया लेकिन कोई भी मानने को तैयार नहीं है। प्रभारी के दौरे से कार्यकर्ताओं में उर्जा का संचार जरुर हुआ है लेकिन प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द ही खड़े होकर फोटो छपाने में लगे रहते हैं।आज के महाधरना की सफलता इस बात को प्रमाणित करता है कि अध्यक्ष को लेकर कार्यकर्ताओं मे भारी आक्रोश है और अनुशासन के नाम पर अगर डराने धमकाने का प्रयास जारी रहा तो संगठन के लिए नुकसानदायक होगा। कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री से विशेष आग्रह किया है बोर्ड निगम के चयन में किए गये कार्यों को ही तब्बजो मिलना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस नेता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा जिला अध्यक्षों की चयन प्रक्रिया में कारपोरेट ऑफिस की तर्ज पर साक्षात्कार हुए और जब परिणाम सामने आए तो जिला अध्यक्षों में एक भी अनुसूचित जाति, एक भी अल्पसंख्यक, एक भी महिलाओं को स्थान नहीं दिया गया जिसका हश्र ये हुआ कि पूरे प्रदेश में अफरा तफरी मच गया। एक तरफ हमारे नेता राहुल गांधी जनसंख्या के आधार पर अधिकार देने की बात कर रहे हैं और सोनिया गांधी ने अपने दो दशक के कार्यकाल में महिलाओं को स्थान दिए बगैर किसी भी कमेटी को स्वीकृति नहीं देती रही  है,ऐसे में प्रदेश कांग्रेस ने कोर वोटर का अपमान किया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन में भी पार्टी द्वारा तय मानक का उल्लंघन किया गया, कांग्रेस में वैसे कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई जिन्होंने सदस्यता अभियान के तहत पार्टी में हजारों की संख्या में लोगों को पार्टी से जोड़ा, कोरोना महामारी में अपनी जान जोखिम में डालकर पार्टी के बैनर तले लोगों की सेवा की और उन्हें पार्टी के द्वारा इनाम के तौर पर पार्टी की ओर से किनारे कर दिया गया। कांग्रेस जनों के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि झारखंड सरकार के अंतर्गत बोर्ड निगम का गठन होने वाला है,जिसमें पार्टी के नेताओं को स्थान दिया जाएगा, जिन नामों की चर्चा हो रही है उस पर यह देखना जरूरी है कि राज्य सरकार के गठन में उनकी क्या भूमिका थी और क्या योगदान रहा, इस बात का भी मूल्यांकन होना चाहिए कि कोरोना काल में ऐसे लोगों की क्या भूमिका रही थी।अगर पारदर्शिता के साथ बोर्ड और निगम के गठन में समर्पित नेताओं कार्यकर्ताओं के साथ नाइंसाफी हुई तो पार्टी में बगावत होगी, पार्टी टूटेगी और जब पार्टी में तानाशाही बढ़ेगी तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
कांग्रेस नेता डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा दिल्ली के द्वारा जो भी कार्यक्रम प्रदेश कांग्रेस को दिए जाते हैं उसका अनुपालन पार्टी द्वारा नहीं किया जा रहा है।अभी हाल ही में जय भारत सत्याग्रह का आयोजन पूरे प्रदेश में करना था लेकिन इसका स्वरूप ही बदल दिया गया माला और भाषण तक ही सीमित रहा जय भारत सत्याग्रह। हम लोगों के द्वारा नोटिस में लाने के बाद आनन-फानन में कल बंदी के दिन समाहरणालय पर प्रदर्शन कर प्रदेश कांग्रेस ने अपनी औपचारिकताएं पूरी की। बार-बार अपनी ही सरकार के कामकाज और विशेष रूप से कांग्रेस कोटे के मंत्रियों पर सवाल उठाते रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष बार-बार मंत्रिपरिषद में फेरबदल की बात करके सरकार और पार्टी दोनों को जनता की नजरों में कमजोर कर रहे हैं। राज्यसभा हो या लोकसभा या फिर विधानसभा का चुनाव प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पार्टी का प्रत्याशी बनने की जुगत में ही लगे रहते हैं।ऐसे में पूरी पार्टी का क्या होगा यह सवाल आज पार्टी के सामने है।रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेदारी कौन लेगा हार की समीक्षा क्यों नहीं होनी चाहिए और इसके कसूरवार को क्यों माफ नहीं किया जाना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता रमेश उरांव ने कहा पूरे देश में झारखंड ही एक ऐसा प्रदेश है जहां आदिवासी प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनता रहा है, लेकिन कुछ दिनों से कर्नाटक,बिहार, उड़ीसा,बंगाल के लोग प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बन रहे हैं।प्रभारी अविनाश पांडे को यह बात समझ में आनी चाहिए कि 28 में से 26 सीट आदिवासियों ने गठबंधन को  दिया है और उनकी जगह पर बाहर के लोगों को प्रदेश अध्यक्ष बनाना आत्मघाती कदम है,अभी भी वक्त है वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष को अविलम्ब पदमुक्त किया जाए।
      गोड्डा जिला कांग्रेस महासचिव मनोज कुमार झा ने कहा पिछले 8 वर्षों से ये कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का भरपूर शोषण करते रहे और इनकी व्यक्तिगत महात्वाकांक्षा इतनी मजबूत है कि पार्टी में सबकुछ इनको ही चाहिए।मंत्री का दर्जा भी चाहिए और राज्यसभा भी इनको चाहिए और 12 वां मंत्री भी छ महीना के लिए भी चाहिए। पार्टी के लिए बोझ हैं राजेश ठाकुर।
प्रमोद यादव, अभिषेक साहू,संजीत यादव,प्रवीण अनामिया निप्पू,लाल मोहन बेदिया,समुन अंसारी,सुखराम पाहन,घनी नाथ करमाली,जेठू मुण्डा, भुवनेश्वर पाहन, अविनाश उरांव,सूरज उरांव, संदीप उरांव,मुकेश उरांव,राजेश नायक, बसंत बेदिया,स़तोष कुमार,रंजीत महतो,पप्पू सिंह, सुनील यादव मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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