मृत्यु को जीवन का अंत न बनाएं: मंगल पाण्डेय

पटना। दधीचि देहदान समिति बिहार द्वारा इंदिरा गांधी आर्यूविज्ञान संस्थान पटना में नेत्रदान व अंगदान को समर्पित सुशील कुमार मोदी स्मृति पार्क में श्रद्धांजलि व संकल्प समारोह आयोजित हुई।उक्त समारोह में बिहार के स्वास्थ्य व कृषि मंत्री मंगल पांडे ने बड़ी संख्या में उपस्थित हजारो लोगों से आवाहन किया कि मृत्यु को जीवन का अंत न बनाएं! मृत्यु के पश्चात नेत्रदान/अंगदान का संकल्प लें।आज से 10 वर्ष पूर्व नेत्रदान/देहदान की कल्पना भी नहीं थी। आज बिहार में 1500 से ज्यादा कॉर्निया दान,19 देहदान 2 अंगदान अभी तक हो सका है। वहीं 5000 से ज्यादा लोगों ने संकल्प पत्र भरा है।मृत्यु के पश्चात भी अमरत्व पाने का तरीका है नेत्र!
इस अवसर पर दो नेत्रदानी परिवारों को मंगल पांडे ने अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर समिति के सदस्य शैलेश महाजन ने उपस्थित हजारों लोगों को हाथ उठाकर नेत्रदान/अंगदान का सामूहिक संकल्प लेने का पाठ कराया।
इस अवसर पर सिक्किम के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद ने अंगदान की महानता पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्वयं की पत्नी का नेत्रदान कर बेमिसाल उदाहरण प्रस्तुत किया है। महासचिव पदमश्री बिमल जैन ने उपस्थित लोगों से अनुरोध किया है कि नेत्रदान/अंगदान/देहदान करने का संकल्प लें।वहीं महर्षि दधीचि की इस परपंरा को अपनाकर पीड़ित मानवता की सेवा में अपना योगदान दें। दीघा क्षेत्र के विधायक डॉ संजीव चौरसिया ने लोगों को पीड़ित मानवता के सहायतार्थ नेत्रदान/अंगदान का संकल्प लेने का अनुरोध किया। आईजीआईएमएस में स्थित स्टेट ऑर्गन व टिशु प्रतिरोपण संस्थान के अध्यक्ष एवं अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने सोटो के कार्यों के बारे में विशेष जानकारी दी।
कार्यक्रम का प्रारंभ स्मृतिशेष सुशील कुमार मोदी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर तथा उनकी स्मृति में वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर उपस्थित सभी नागरिकों ने सुशील मोदी स्मृति पार्क का विधिवत नामकरण हेतु हाथ उठाकर अपनी सहमति प्रदान की तथा मंत्री महोदय से निवेदन किया कि इसे अंजाम प्रदान करें।
इस अवसर पर नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विभूति प्रसन्न सिंह, नेत्र अधिकोष प्रमुख डॉ निलेश मोहन,उपाध्यक्ष डॉ सुभाष प्रसाद, कोषाध्यक्ष प्रदीप ने चौरसिया,अरुण,सत्यमूर्ति, संजीव यादव, पवन केजरीवाल,संजय गुप्ता,नागेंद्र सिंह,संजय पूर्व की उपस्थिति महत्वपूर्ण थी।
कार्यक्रम का संचालन वरीय सदस्य श्री सुनील पूर्व जी ने किया। समिति सदस्य श्री गोविंद कनोडिया जी ने पिताजी का रात्रि में देहांत के पश्चात नेत्रदान एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनकी स्मृति में 1 मिनट का मौन तथा राष्ट्रगान से कार्यक्रम समाप्त हुआ।

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