डीसी ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक,16 सितंबर से 5 अक्टूबर तक घर- घर टीकाकरण अभियान चलाने का निर्देश

खूंटी: गहण मिशन इंद्रधनुष, एनीमिया मुक्त भारत एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को सफल बनाने के लिए जिला स्तरीय समितियों की बैठक उपायुक्त लोकेश मिश्रा की अध्यक्षता में हुई। डॉक्टर सुधाकर एवं क्षेत्रीय प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह ने पीपीटी के माध्यम से संचालित कार्यक्रमों की जानकारी दी।
बैठक में उपायुक्त ने कहा के मिशन इंद्रधनुष के द्वारा लक्ष्य को निर्धारित करने हेतु प्रखंड विकास पदाधिकारी के नेतृत्व में प्रखंड स्तरीय समन्वय बैठक करते हुए 16 सितंबर से 3 अक्टूबर तक घर घर सर्वेक्षण कराते हुए टीकाकरण कराना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करने के निर्देश दिए।
प्रत्येक प्रखंडवार उपायुक्त ने कार्यक्रम के प्रशिक्षण हेतु रोस्टर तैयार करने का निर्देश जिला कार्यक्रम प्रबंधक को दिया। इस प्रशिक्षण में सभी सहियाओं, सेविकाओं, एएनएम एवं नोडल शिक्षक उपस्थित रहेंगे। इस प्रशिक्षण का अनुश्रवण उपायुक्त द्वारा किया जायेगा।
बैठक के दौरान उपायुक्त द्वारा मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम की सफलता के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिये गये हैं। इस विशेष अभियान से बच्चों में होने वाली बीमारियों के वायरस से लड़ने की क्षमता बढ़ाने का काम किया जायेगा। इस अभियान में एक भी बच्चा टीकाकरण से वंचित नहीं हो, इसका ध्यान रखा जा रहा। सुदूर ग्रामीण इलाकों पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाने का निर्देश दिया गया है। इसमें उन गांव और टोलों को प्राथमिकता दी जा रही, जहां नियमित टीकाकरण नहीं हुए है। साथ ही उन्होंने बताया कि यह टीकाकरण 0 वर्ष से 2 वर्ष तक के बच्चों को एवं 5 वर्ष तक छूटे हुए बच्चों को देना है। यह तीन चरणों में संपन्न होगा।
पहला चरण 7 अगस्त से 12 अगस्त तक किया जा चुका है। दूसरा चरण 11 सितंबर से 16 सितंबर एवं अंतिम चरण 9 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तय की गई है।
डबल्यूएचओ के चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि सभी प्रखंडों में प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स का बैठक आयोजित किए गए हैं। साथ ही एमओ, एएनएम, सहिया, एडबल्यूडबल्यू, उविन के साथ प्रशिक्षण दिया गया है।
साथ ही माइक्रोप्लान तैयार करना एवं जन जागरूकता को लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर इससे संबंधित बैठक आयोजित की जाय।

आगामी राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम (NDD Program) का आयोजन 20 सितम्बर, 2023 को सभी स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में तथा छूट गए बच्चों हेतु मॉप-अप दिवस दिनांक 29 सितम्बर, 2023 को आयोजित किया जाएगा।

सभी स्कूल (सरकारी गेर सरकारी एवं तकनिकी संस्थान) एवं आंगनवाड़ी केंद्र में दवा खिलाई जाएगी। मौके पर बताया गया कि स्कूल शिक्षक एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा निर्धारित खुराक के अनुसार दी जाएगी।

लक्षित आयुवर्ग – 1 – 19 वर्ष के सभी बच्चे और किशोर / किशोरियां

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के क्रियान्यवन की रणनीति के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 20 सितम्बर 2023 को स्कूलों और आंगनवाड़ी पर 1-19 साल के सभी बच्चों को कृमि नियंत्रण की दवाई खिलाई जाएगी। स्कूल में 6-19 साल के सभी नामांकित बच्चों को शिक्षक द्वारा दवाई खिलाई जाएगी। आंगनवाड़ी में 1-5 साल के सभी पंजीकृत बच्चों और 1-19 साल के गैर पंजीकृत, स्कूल ना जाने वाले बच्चों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा दवाई खिलाई जाएगी। गैर-पंजीकृत, स्कूल ना जाने वाले बच्चों को सहिया नजदीकी आंगनवाड़ी पर कृमि नियंत्रण के लिए लाएंगी।

जो बच्चे बीमार हैं या कोई दवाई ले रहे हैं, उन्हें एल्बेंडाजॉल दवाई नहीं खिलाई जाएगी। जब वह बच्चे ठीक हो जाएं तब उन्हें एल्बेंडाजॉल दवाई खिलाई जाएगी।

जिन बच्चों को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर दवाई नहीं खिलाई गई है उन्हें मॉप-अप दिवस 29 सितम्बर 2023 को दवाई खिलाई जाएगी।

इस दौरान उपायुक्त द्वारा सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए। उपायुक्त ने निर्देशित किया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी सभी विद्यालयों का अनुश्रवण करना सुनिश्चित करेंगे।

उपायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी अपने स्तर पर आयोजित बैठक में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की उचित रूप से समीक्षा करेंगे। साथ ही सभी अभियान की सफलता के लिए उचित कार्य योजना के आधार पर ही कार्य किए जायेंगे।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों के सफल आयोजन के लिए अंतर विभागीय समन्वय, समय कार्य योजना का निर्धारण करना जरूरी है। उन्होंने एनिमिया मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम में शामिल- IFA अनुपूरण, डिवर्मिंग, पौष्टिक आहार, खाने में विविधता, जागरूकता, सामुदायिक भागीदारी पर फोकस, एनीमिया में कमी लाने के लिए हितधारक विभागों के बीच समन्वय की चर्चा की। उपायुक्त ने संबंधित विभाग, विशेष तौर पर शिक्षा विभाग और आईसीडीएस से संबंधित पदाधिकारी को स्वास्थ्य विभाग के साथ बेहतर समन्वय रखते हुए इस कार्य करने निर्देश दिए।
बैठक में जिले के सिविल सर्जन , श्री नागेश्वर मांझी सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, बाल विकास पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं निजी विद्यालय के प्राध्यापक उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *