धनबाद शहर में शीघ्र शुरू होगी सीएनजी व इलेक्ट्रिक बस सेवा

धनबाद : शहर में शीघ्र ही सीएनजी और इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू होगी। सीवरेज और ड्रेनेज सिस्टम को भी दुरुस्त किया जाएगा। इस उद्देश्य से नगर निगम की ओर से मंगलवार 17 दिसंबर को धनबाद क्लब में स्टेक होल्डरों की बैठक हुई. डीसी संदीप सिंह, विधायक राज सिन्हा, टुंडी विधायक मथुरा महतो, जीटा के महासचिव राजीव शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर बैठक का उद्घाटन किया।

दिल्ली की एजेंसी क्रेडिबल के प्रतिनिधियों ने प्रेजेंटेशन दिया। बताया गया कि धनबाद के 8 रूट पर 108 सीएनजी और 12 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। शहर के अंदर सभी मिनी बसें होंगी और शहर के बाहर यानी ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी बसों का परिचालन होगा। हर रूट पर बस स्टॉप, चार्जिंग और सीएनजी स्टेशन भी होगा। इसके अलावा बसों के संचालन के लिये कंट्रोल रूम, रिपेयरिंग सेंटर, पैसेंजर इंफॉर्मेशन सेंटर, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेकिंग सेंटर, सीसीटीवी, जीपीएस सिस्टम के साथ सवारियों को स्मार्ट कार्ड की सुविधा भी मिलेगी. बस का किराया ऑटो से सस्ता होगा।

धनबाद विधायक ने व्यस्त रूट पर बसों की संख्या बढ़ाने की सलाह दी, जबकि टुंडी के विधायक ने गांव के लोगों को ध्यान में रखते हुए कुछ नये रूट को प्रोजेक्ट में शामिल करने की बात कही। व्यावसायी वर्ग की ओर से बस के रूट को लेकर कई सुझाव दिए गए। कंपनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि स्टेक होल्डर के सुझाव को पॉइंट आउट किया गया है। इसके अनुरूप फाइनल डीपीआर तैयार किया जाएगा।

548 करोड़ रुपये का बजट बनाया गया है। यह दस वर्षों के लिए होगा, यानी दस वर्षों के अंदर विभिन्न चरण में बसों की खरीदारी, रखरखाव व संचालन पर यह राशि खर्च की जाएगी. प्रथम चरण में दस करोड़ रुपये दिए जाएंगे. इस राशि से 40 इलेक्ट्रिक एवं सीएनजी बसें उतारी जाएंगी। यात्रियों को हर 20 मिनट पर बस मिलेगी।

नमामी गंगे प्रोजेक्ट को लेकर एन एमसीजी के प्रतिनिधियों ने प्रेजेंटेशन दिया। बताया गया कि अभी धनबाद की विभिन्न नदियों, तालाबों में प्रति दिन 153 मिलियन गंदा पानी बहाया जा रहा है। शहर में सीवीरेज और ड्रेनेज सिस्टम है ही नहीं। इसमें सुधार के लिए डीपीआर तैयार किया गया है। दो फेज में यह काम पूरा होगा। 800 करोड़ रुपये इस पर खर्च होंगे। पहले फेज में घरों से निकलने वाले गंदे पानी को पाइप के जरिये एसटीपी मशीन तक पहुंचाया जाएगा। वहां से पानी को साफ कर मुख्य नाला में छोड़ा जाएगा जो सीधे नदी में पहुंचेगा। शहर से निकलने वाला गंदा पानी मुख्य नाला में अब नहीं जाएगा। पानी को साफ करने के लिए पांच जगहों पर एसटीपी मशीन लगाई जाएगी। सेकेण्ड फेज में सर्वे कर सीवरेज और ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त होगा। नदी में गंदे पानी छोड़े जाने के कारण अभी हर साल ग्रीन ट्रिब्यूनल झरखंड सरकार से फाइन वसूल रहा है। पानी साफ होने के बाद निगम मैथन पावर प्लांट को पानी दे सकेगा, इससे निगम की आमदनी भी बढ़ेगी।

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