बोकारो सेल परिसर में बनेगा एक हजार एकड़ में इंडस्ट्रियल क्लस्टर

बोकारो. सेल परिसर में खाली पड़े क्षेत्र के एक हजार एकड़ जमीन पर इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाने को लेकर सरकारी अमला की कवायद आरंभ हो गई है। इसी के तहत गुरूवार को एक हाई लेवल केन्द्रिय टीम बोकारो पहुंची जहांॅ सेल परिसर में भतुआ, धनडबरा व सेक्टर ग्यारह गरगा पुल के समीप की चिन्हित भूमि का निरिक्षण किया। हाई लेवल निरिक्षण टीम में उद्योग विभाग के केन्द्र व राज्य स्तरीय अधिकारी, जिला प्रशासन व बीएसएल के अधिकारी शामिल रहे। जिसमें विशेष सचिव, डीपीआईआरटी, भारत सरकार-अमृत लाल मीणा, संयुक्त सचिव, इस्पात मंत्रालय, भारत सरकार-अभिजीत नरेन्द्र, उद्योग निदेशक, झारखंड सरकार-उमा शंकर सिंह, डायरेक्टर इंचार्ज, बोकारो इस्पात संयंत्र-अमरेन्दू प्रकाश व बोकारो उपायुक्त-कुलदीप चौधरी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस योजना के लिए बोकारो का चयन इसलिए किया गया क्योंकि यहां बोकारो इस्पात संयंत्र के पास सलपल्स जमीन की उपलब्धता है। एक मुश्त बड़े क्षेत्र का रैयती जमीन बोकारो में उपलबध है। वहीं बोकारो एडीकेआईसी के समीप और औद्याोगिक एक्टिविटी की जरूरतों को पूरा करने के लिए यहां संसाधन व इंफ्रास्टक्चर की उपलब्धता मौजूद है। बोकारो सेल परिसर में एक मुश्त सरकार द्वारा अधिग्रहित जमीन खाली पड़ी है। ज्ञात हो कि 2017 में लाया गया कोलकाता-अमृतसर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट योजना के तहत इसके निर्माण का एक प्रस्ताव 2020 में तैयार हुआ था। उद्योग विभाग ने केंद्र के डिपार्टमेंट आफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) को पत्र भेजकर बोकारो सेल परिसर में एक हजार एकड़ जमीन पर इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाने का प्रस्ताव दिया है। इसके बाद डीपीआईआईटी ने राज्य सरकार से इस मामले में संबंधित पक्षों के साथ मीटिंग हुई। झारखंड राज्य उद्योग विभाग ने बोकारो स्टील लि. सेल, केंद्र के साथ बैठक किया जिसमें इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाने को ग्रीन सिगनल दे इससे संबंधित स्वरूप को स्वीकृति प्रदान की। बोकारो सेल परिसर 3300 एकड़ का है। इसमें एक बड़ा भू-भाग अभी भी खाली पड़ा है। खाली पड़े क्षेत्र में 1000 एकड़ जमीन चिन्हित किया गया है। इसके बनने बाद बोकारो में यह राज्य का यह सबसे बड़ा औद्योगिक क्लस्टर होगा। इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में छोटे-बड़े इंटिग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर बनाए जाएंगे। इसका उद्देश्य कॉरिडोर के मार्ग के साथ राज्यों में बुनियादी ढांचे और उद्योगों को बढ़ावा देना है। एडीकेआईसी का विकास फ्रेट कॉरिडोर के दोनों ओर 150-200 किमी के दायरे में होना है। जिसमें पीपीपी और गैर पीपीपी, दोनों ही मोड पर विकसित होगा क्षेत्र को एकीकृत क्लस्टर (आईएमसी) में 40प्रतिशत क्षेत्र विनिर्माण और प्रसंस्करण के लिए निर्धारित किया जाएगा। एडीकेआईसी सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और गैर-पीपीपी दोनों का उपयोग करेगा। गैर-पीपीपी योग्य ट्रंक बुनियादी ढांचे को विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) या कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा विकसित किया जाएगा।

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