आतंक का पर्याय बाहुबली अतीक को पहली बार मिली सजा, भाई समेत 7 आरोप मुक्त

प्रयागराज : जुर्म की दुनिया में आतंक का पर्याय बाहुबली अतीक अहमद को पहली बार सजा सुनाई गई है। 2006 के उमेश पाल अपहरण कांड में एमपी एमएलए कोर्ट ने अतीक अहमद, दिनेश पासी और खान शौलत हनीफ को उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही तीनों दोषियों से उमेश पाल के परिवार को एक-एक लाख रुपये हर्जाना भरने का भी आदेश दिया गया है। इस फैसले के खिलाफ अतीक हाईकोर्ट जाने वाला है।
सजा सुनने के बाद अतीक अहमद ने कोर्ट से साबरमती जेल भेजने की गुहार लगाई थी। उसने कहा था कि मुझे साबरमती जेल भेज दीजिए, मुझे यहां नहीं रहना। पुलिस मुझपर मुकदमे लाद देगी।पुलिस उसे फिर से नैनी जेल ले आई, लेकिन पुलिस के पास अतीक को नैनी जेल में रखने का आदेश नहीं था। जिस कारण अब अतीक अहमद को साबरमती जेल भेजा जाएगा।
यूपी पुलिस को उमेश पाल हत्याकांड में भी अतीक अहमद की पुलिस कस्टडी रिमांड को लेकर कोई आदेश नहीं मिला है। ऐसे में पुलिस उसे नैनी जेल में दाखिल नहीं करा सकती है। अब उसे साबरमती जेल भेजने की तैयारी की जा रही है। 3 जून 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही अतीक अहमद को नैनी जेल से साबरमती जेल भेजा गया था।
बता दें कि प्रयागराज के एमपी एमएलए कोर्ट ने 2006 में हुए उमेश पाल के अपहरण कांड को लेकर दर्ज मुकदमा संख्या 270/2007 में फैसला सुनाते हुए अतीक अहमद, दिनेश पासी और खान शौलत हनीफ को आईपीसी की धारा 364ए/34, 120बी, 147, 323/149, 341, 342, 504, 506(2) और 7सीएलए एक्ट के तहत दोषी करार दिया, जिसमें 364ए/34 और120बी के तहत तीनों दोषियों को सश्रम आजीवन कारावास के साथ 5-5 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। इसके साथ ही उमेश पाल के परिवार को तीनों दोषियों की ओर से एक-एक लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश हुआ है, जबकि अतीक के भाई अशरफ समेत 7 आरोपी बरी कर दिये गए।

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