15 वर्षों में पहली बार गणादेश में आनंद मोहन का इंटरव्यू…

*वरिष्ठ पत्रकार संजय झा ने काफी रिस्क लेकर लिया यह इंटरव्यू..

बहुत मुश्किल से पूर्व सांसद क्रांतिकारी नेता आनंद मोहन जी का इंटरव्यू ले पाया। जेल में उनसे मुलाक़ात नहीं हो पायी। मैं चार घंटे तक जेल के बाहर बैठा रहा लेकिन मुझे मिलने नहीं दिया गया। मेरे साथ सहरसा के कई लोग थे। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि ऊपर से आर्डर है कि कोई पत्रकार इनसे मिलने न पाए। मेरे घर के लोग परेशान थे। आनंद मोहन जी को सख्त पहरे मे रखा जाता है। दो दिन के इन्तजार के बाद वे जब किसी मुकदमे के मामले मे पटना जा रहे थे तो मैं रास्ते मे मिलना चाहा। यहाँ भी पुलिस का सख्त पहरा था। पुलिस के अधिकारी ने यहाँ भी मुझे मिलने नहीं दिया। बोला ऊपर से आर्डर है पत्रकार मिल नहीं सकता। पटना कोर्ट परिसर मे मुझे दैखते ही आनंद मोहन जी ने पास बुलाया। बोला, बोलो संजय क्या पूछना है! मैंने सवालों की झड़ी लगा दी। फांसी और आजीवन कारावास के बाद पंद्रह साल बाद किसी प्रिंट मीडिया को दिया गया यह पहला इंटरव्यू है। देश के सबसे अधिक पढ़े जाने वाले साप्ताहिक अखबार गणादेश मे यह इंटरव्यू अगले गुरुवार को प्रकाशित होने जा रही है।

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