बेपटरी हो रही राज्य की शिक्षा व्यवस्था, होते रहे प्रयोग पर प्रयोग, किसी भी विवि को नहीं मिला सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा
कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में 5 लाख छात्र, चाहिए 1400 शिक्षक, हैं सिर्फ 2493
रांचीः उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, राज्य में प्रयोग पर प्रयोग होता रहा है. हायर सकेंडरी व्यवस्था , सेमेस्टर सिस्टम और इंटर की अलग से पढ़ाई की बात सामने आई. लेकिन कोई भी व्यवस्था टिक नहीं सकी. सेमेस्टर सिस्टम में लेटलतीफी अबतक है. सरकार के आंकड़ों के अनुसार, संबद्ध और अनुशंसित कॉलेज में आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस में क्रमश: 67840, 54784 और 54784 सीटें हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से अधिकांश कॉलेज एक या दो कमरे में चलते हैं. न तो ढंग के शिक्षक हैं और ना ही पढ़ाई के साधन
किसी भी यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा नहीं मिल पाया
राज्य के नौ विश्वविद्यालयों में से किसी भी यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा नहीं मिल पाया है. राज्य गठन के बाद कितनी सरकारें आयीं और गय़ीं लेकिन किसी ने भी उच्च शिक्षा को प्राथमिकता की सूची में नहीं रखा. हर बार घोषणा की गयी, प्रस्ताव तैयार किया गया. लेकिन सभी ठंढ़े बस्ते में चले गये. शिक्षा के स्तर में गिरावट का यह भी प्रमुख कारण रहा.
पांच लाख से अधिक छात्र
राज्य के यूनिवर्सिटी में पांच लाख से ज्यादा छात्र हैं, लेकिन इन स्टूडेंड्स को पढ़ाने के लिए सिर्फ 2493 प्रोफेसर-रीडर हैं. राज्य में नौ यूनिवर्सिटी हैं, लेकिन इसमें से दो डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और बिनोद बिहारी महतो अबतक फुल-फ्लेज में नहीं आ पाये हैं. इन विश्वविद्यालयों में पांच लाख से अधिक छात्र हैं. लेकिन इन्हें पढ़ाने के लिये सिर्फ 2493 शिक्षक ही हैं.
क्या कहता है यूजीसी का गाइडलाइन
यूजीसी के गाइडलाइन के अनुसार, शिक्षक-छात्र का अनुपात 40:1 होना चाहिए. जबकि हाल यह है कि 200 छात्रों में एक ही शिक्षक हैं. इस कमी को पाटने के लिये कम से कम 1400 शिक्षकों की और जरूरत है.
क्या कहती है नॉलेज कमीशन की रिपोर्ट
नॉलेज कमीशन के रिपोर्ट के अनुसार, 45 हजार छात्र पर एक यूनिवर्सिटी होना चाहिए. बिनोबा भावे विश्वविद्यालय में शिक्षकों के 850 पद हैं. इसमें 625 शिक्षक ही कार्यरत हैं. जबकि 198 पद रिक्त हैं. वहीं रांची विश्वविद्यालय में 200 स्थायी शिक्षकों की जरूरत है. कोल्हान, नीलांबर-पीतांबर और सिद्धो-कान्हू विश्वविद्यालय में 1000 शिक्षकों की जरूरत है.
राजभवन के निर्देश नहीं मानती यूनिवर्सिटी
कॉलेज में हो दक्ष एकाउंटेंट
हर दिन शिक्षक कक्षाओं का रजिस्टर में लिखेंगे ब्योरा
छात्रों की उपस्थिति शत-प्रतिशत हो.
शिक्षकों की कमी को दूर किया जाये
सत्र समय पर पूरा हो
कॉलेजों में आधारभूत संरचनाओं का हो विकास
गुणवत्ता युक्त शिक्षा को बढ़ावा मिले
क्या नहीं हो पाया
इंटर कॉलेज विकल्प के तौर पर स्थापित नहीं हो पाये
दो पालियों में पढ़ाई शुरू नहीं हुई
पिछड़े क्षेत्रों में दो से तीन कॉलेज खोलने की घोषणा धरी रह गयी
हर जिला में महिला कॉलेज नहीं खुला
कॉलेज में सीटों की स्थिति
विश्वविद्यालय कितने कॉलेज कितनी सीटें
सिद्धो-कान्हो 12 21810
बिनोबा भावे 18 33330
रांची विवि 15 29823
नीलांबर-पीतांबर चार 7475
कोल्हान 14 17765
कुल संबद्ध कॉलेज 18 हैं, इसमें 32100 सीटे हैं.
किस यूनिवर्सिटी में कितने छात्र -कितने शिक्षकों की है जरूरत
विवि छात्रों की संख्या टीचर की संख्या कितने टीचर की जरूर
रांची विवि एक लाख 1046 200
नीलंबर-पीतांबर 38 हजार 126 400
कोल्हान 62 हजार 356 300
बिनोबा भावे 1.5 लाख 600 350
सिद्धो-कान्हो 60 हजार 350 300