हास्य कवि सम्मेलन में कवियों ने लोगों को खूब गुदगुदाया

रांची: होली के रंगोत्सव के अवसर पर कवि सम्मेलन आयोजन समिति द्वारा मारवाड़ी भवन मे हास्य कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि राजकुमार गाड़ोदिया एवं विशिष्ट अतिथि मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने संयुक्त रूप से  दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने समिति द्वारा विगत कई वर्षों से कराये जा रहे हास्य कवि सम्मेलन की भूरि- भूरि प्रशंसा की। तत्पश्चात समिति के अध्यक्ष अशोक नारसरिया, मुख्य संयोजक सुरेश चंद्र अग्रवाल, सचिव अनिल अग्रवाल, विनोद जैन, ललित कुमार पोद्दार, पवन शर्मा, पवन पोद्दार, रतन मोर, किशोर मंत्री,  कमल जैन, कौशल राजगढ़िया, मनोज चौधरी, रमन बोडा, प्रवक्ता संजय सर्राफ सहित अन्य सदस्यों ने कवि सम्मेलन मे पधारे ख्याति प्राप्त अंतरराष्ट्रीय कवि सुरेंद्र शर्मा, सुरेंद्र दुबे, अनिल अग्रवाल अग्रवंशी , राजेश अग्रवाल, दीपक सैनी,एवं कवियत्री साक्षी तिवारी, को होलीयाना अंदाज मे सब्जी की माला, पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र एवं मोंमेटो देकर स्वागत किया।
स्वागत भाषण देते हुए समिति के अध्यक्ष अशोक नारसरिया ने कहा कि समिति विगत 8 वर्षों से कवि सम्मेलन का आयोजन करा रही है अब तक देश के कई नामी-गिरामी हास्य कवियों इस आयोजन में शिरकत की है। तथा यह आठवां आयोजन है। कवि राजेश अग्रवाल कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए हंसी के फव्वारे की बौछार करते तीखे वाण व्यंग का मधुर संगम पेश किया। हास्य रस के विख्यात पद्मश्री कवि सुरेंद्र शर्मा ने अपने चुटीली हास्य कविताओं एवं अपनी चार लाइणै लुगाई पर कविताओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया, उन्होंने कहा कि जिंदगी हंसने के लिए है हजार टेंशन है इसमें हंस लीजिए तो सारे टेंशन रफूचक्कर हो जाएंगे, चुनावी मौसम है.. उन्होंने कहा कि देश मांगता एक ही दान तुम केवल कर दो मतदान.. राम शबरी का झूठा बेर खा सकता है पर सबरी राम के मंदिर में क्यों नहीं जा सकती.. मैं आजतक नहीं समझ पाया कि जो मेरा गंदगी उठाता है वह मेरे से गंदा कैसे हो सकता है, झारखंड में एक आदमी भांग के नशे में भैंस पर ही रंग लगाता रहा जब हाथ पूंछ पर गया तो बोला रामू की मां रोज दो चोटी बनाती है आज एक ही चोटी बनाई। इस देश में राजा रावण हो या राम जनता तो बेचारी सीता है.. पद्मश्री हास्य कवि सुरेंद्र दुबे ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को खूब हंसाया कहा कि तेरा वजूद किस्तों में बिकता है बावला है जो कविता लिखता है.. और रांची की एक बात खास है यहां का आदमी झकास है.. अनिल अग्रवाल अग्रवंशी एवं लाफ्टर चैलेंज के चैंपियन दीपक सैनी ने अपने अपने तीखे  व्यंग अंदाज से दर्शकों को खूब गुदगुदाया कवियों ने अपने अलबेला अंदाज से अपने हास्य कविताओं के जरिए लोगों को हंसाते हंसाते लोटपोट कर दिया। उन्होंने वर्तमान राजनीति, देश की हालात, आतंकवाद ,सामाजिक बुराइयां पर भी जमकर कटाक्ष किया।  वीर रस की कवयित्री लखनऊ की साक्षी तिवारी ने कई चुटकुले व्यंग कविताओं की लड़ी लगा दी। साक्षी तिवारी ने अपने कविता के जरिए से कहा कि रजत लटके सितारों से मुझे मतलब नहीं कोई मेरा हीरो है हर सैनिक उन्हीं की शान लिखूंगी, हजारों रंग है इसके बाद रंगीन वतन मेरा कहीं उड़ते अमीरों की गुलालो का चमन मेरा जो सरहदों पर खेलते हैं खून की होली हमारे देश के रणबांकुरे को सौ नमन मेरा.. इस दौरान हंसी के ठहाके देर रात तक चली।
कवि सम्मेलन मे 3000 से भी अधिक लोगों ने हंसी के साथ कवि सम्मेलन का लुफ्त उठाया। बड़ी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित थी। दर्शकों के लिए एलईडी भी मैदान में लगाए गए थे पेयजल जलपान एवं ठंडाई का विशेष काउंटर की व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम का संचालन मुख्य संयोजक सुरेश चंद्र अग्रवाल ने की। धन्यवाद- ज्ञापन ललित कुमार पोद्दार ने किया। श्रोताओं के बीच मे सांसद संजय सेठ ने सपरिवार हास्य कवि सम्मेलन का लुत्फ उठाया।
कार्यक्रम में- पंकज पोद्दार, महावीर सोमानी, कमल सिंघानिया,भगवती सिंघानिया, मनोज सिंघानिया, रविंद्र मोदी, संजीव विजयवर्गीय, कुणाल अजमानी, ललित कुमार पोद्दार,पवन पोद्दार, अनिल अग्रवाल, विनोद जैन,कमल जैन,रतन मोर, पवन शर्मा, किशोर मंत्री, राजेश भरतिया, निर्भय शंकर हारित, कौशल राजगढ़िया, संतोष अग्रवाल, मनोज बजाज,मनोज चौधरी,  संजय सर्राफ, प्रमोद बजाज, अमित चौधरी, सौरभ बजाज, विकास अग्रवाल, मनीष लोधा, अमित बजाज, रौनक झुनझुनवाला,अनूप अग्रवाल, सनी टिबडेवाल, अनमोल टिबडे़वाल, मुकेश काबरा , मनोज नरेड़ी, पारस अग्रवाल,आदि के अलावे बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थे। उक्त  जानकारी समिति के प्रवक्ता संजय सर्राफ ने दी।

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