प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में मनाया गया 88 वाँ त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव

मधेपुरा : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बिहारीगंज केंद्र के तत्वधान में 88 वाँ त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव मनाया गया।
इस उपलक्ष्य में गुरुवार सुबह शिव और शंकर के चैतन्य झांकियों के साथ शोभा यात्रा नगर परिक्रमा को निकला।
शोभा यात्रा बाद कार्यक्रम का शुभारम्भ ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मधेपुरा क्षेत्रीय प्रभारी ब्रह्माकुमारी बहन रंजू दीदी, बिहारीगंज प्रखण्ड विकास पदाधिकारी भरत कुमार सिंह, स्थानी सेवा केन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी अर्चना बहन,सिमराही सेवा केंद्र प्रभारी बबीता दीदी, नगर पंचायत की मुख्य पार्षद नीतू देवी, राजद महिला प्रकोष्ठ की मधेपुरा जिला अध्यक्ष रागिनी रानी ऊर्फ डाली दीदी, ज्योति कुमारी,समाजसेवी सुरेश भाई,डॉ माणिक चांद भगत , गोपाल भाई, भाई शशि रंजन , ब्रह्माकुमारी तनुजा बहन ,मधु बहन ,पूर्व प्रमुख विनय वर्धन उर्फ़ खोखा यादव ,शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक प्रदीप कुमार ,ब्रह्माकुमार किशोर भाई , इत्यादि ने संयुक्त रूप में दीप प्रज्वलित करके किया.

ब्रह्माकुमारीज के मधेपुरा क्षेत्रिय प्रभारी राजयोगिनी रंजू दीदी जी ने महाशिवरात्री पर्व के आध्यात्मिक तथ्य बताते हुए कहा कि शिवरात्री का पर्व मनुष्य को अज्ञान रूपी अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का पर्व है.।मनुष्य की अपनी बुराइयों स्वीकार कर उसे बाबा के चरणों में अर्पण को करने का प्रयास करना चाहिए, जिससे जीवन में सुख ,शांति का संचार हो सके. उन्होंने कहा सभी आत्माओं का परम पिता शिवको कहा गया है. अतः उस परम् पिता परमात्मा में अपना मन समर्पित कर रखना चाहिए. अपने मनोविकारों को दूर करने के लिए ईश्वर ज्ञान को जीवन में आत्मसात करना होगा. उन्होंने कहा कि शिव जयंती आत्मा और परमात्मा के मिलन का पर्व है. इसलिए इस पर्व को पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाना चाहिए.

सुपौल के सिमराही सेवा केन्द्र से आयीं प्रभारी ब्रह्माकुमारी बबिता दीदी ने बताया कि आध्यात्मिक ज्ञान की कमी के कारण वर्तमान समय मानव के अंदर काम ,क्रोध, लोभ,मोह ,अहंकार,ईर्ष्या, ,नफरत जैसी बुराइयाँ राक्षसी प्रवृत्ति की भाँति बढ़ती ही जा रही हैं. जिसके कारण समाज में दिन-प्रतिदिन अपराध बढ़ रहें हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमने पुरानी भारतीयk सभ्यता, संस्कार परंपराएं ,पूर्वजों की संस्कृति सत्संग के माध्यम से नहीं फैलाई तो इस समाज में रहना, बैठना ,चलना जीना बहुत मुश्किल हो जायेगा.
मनुष्य जीवन में सत्संग का महत्व बताते हुए कहा कि सत्संग के द्वारा प्राप्त शक्तियां,सद्गुण ,विवेक ही हमारी असली संपत्ति है. जिससे हम अपने कर्मों में सुधार ला सकते हैं.

महा शिवरात्री महोत्सव की मुख्य अतिथि राजद महिला प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष रागिनी रानी ऊर्फ डाली दीदी ने अपने उद्बबोधन में कहा कि सत्संग से प्राप्त ज्ञान से ही हम अपने जीवन को सकारात्मक बनाकर तनाव मुक्त हो सकतें हैं. और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं.
यह ब्रह्माकुमारीयो का मानना है कि परम् पिता निराकार स्वरूप में धरती पर अवतरित हो चुके हैं. इसलिए हम सभी को सहज ज्ञान और राजयोग के अभ्यास द्वारा सकारात्मक विचारों को जीवन का महत्वपूर्ण उपाय मान कर तनाव से मुक्ति का मार्ग अपनाना चाहिए.
त्रिमूर्ति शिव शिव महोत्सव में उन्होंने बताया कि राजयोग का घर्म अभ्यास द्वारा ही पाया जा सकता है जिस से हम अपने इंद्रियों पर काबू पा सकते हैं. तथा जीवन को सफल बना सकते हैं.

स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी राजयोगिनी अर्चना बहन जी ने सत्संग में पधारे सभी ईश्वरीय प्रेमी भाई बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि भौतिक युग में स्थाई सुख और शांति के लिए सत्संग बहुत आवश्यक है.
सत्संग ही हमें बताता है कि हमें इस संसार में किस तरह से जीना है, क्या बात करनी है क्या कहना है. आपस में कैसे व्यवहार करना है इसका ज्ञान भी सत्संग से ही प्राप्त होता है. उन्होंने बताया सत्संग से प्राप्त दिव्य ज्ञान के द्वारा हम अपने व्यवहार में निखार ला कर एक सद्गुणी इंसान बन सकते हैं.

सतसंग कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमार भाई किशोर ने किया। मौके पर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी भरत कुमार सिंह,व्यवसायी संजीव जायसवाल, स्थानीये सेवा केन्द्र प्रभारी अर्चना बहन, नप की मुख्य पार्षद नीतू देवी, राजद महिला प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष मधेपुरा रागिनी रानी ऊर्फ डाली दीदी,समाजसेवी सुरेश भाई,डॉ माणिक चांद भगत , गोपाल भाई, शशि रंजन भाई, ब्रह्माकुमारी तनुजा बहन ,मधु बहन ,पूर्व प्रमुख विनय वर्धन उर्फ़ खोखा यादव ,शिक्षा विभाग असिस्टेंट डायरेक्टर प्रदीप कुमार,व्यवसाई अनिल शाह , ब्रह्मकुमारी प्रभास भाईजी,ब्रह्माकुमार किशोर भाई के साथ सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे.

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