झारखंड में वन स्टॉप सेंटर के लिए मिले 3.60 करोड़

हिंसा से प्रभावित और संकटग्रस्त महिलाओं को एकीकृत सहायता प्रदान करने के लिए 1 अप्रैल 2015 से भारत सरकार ने वन स्टॉप सेंटर स्कीम की शुरुआत की है। उक्त आशय की जानकारी केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने लोकसभा में सांसद संजय सेठ को दी। सांसद श्री संजय सेठ ने लोकसभा में झारखंड में महिलाओं की सहायता के लिए चलाए जा रहे वन स्टॉप सेंटर से संबंधित जानकारी मांगी थी। इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर एक अंब्रेला स्कीम है, जिसके तहत प्रभावित महिलाओं को सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए तैयार किया जाता है। इस स्कीम में 100% सहायता केंद्र सरकार देती है, जो पूरी तरह अनुदान होता है।
केंद्रीय मंत्री ने संसद को बताया कि वर्तमान समय में झारखंड के 24 जिलों में 24 वन स्टॉप सेंटर कार्य कर रहे हैं, जहां जून 2022 तक की रिपोर्ट के अनुसार 2000 से अधिक महिलाओं की सहायता की गई है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि झारखंड में जितने भी वन स्टॉप सेंटर चल रहे हैं, सभी वन स्टॉप सेंटर मिलाकर अप्रैल से जून 2022 तक 3 महीने में 188 महिलाओं की मदद की गई, जिसमें सबसे अधिक रांची में 37 महिलाओं की मदद की गई जबकि गोड्डा और जामताड़ा में यह संख्या 0 है। वही स्थापना से लेकर मार्च 2022 तक जो डाटा उपलब्ध है, उसके अनुसार 1883 महिलाओं को सहायता दी गई है। वन स्टॉप सेंटर के संचालन के लिए निर्गत राशि के संबंध में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रत्येक जिले को 1500450 की राशि स्वीकृत की गई। यह राशि जारी भी कर दी गई। इस तरह से पूरे झारखंड को वन स्टॉप सेंटर के संचालन के लिए 3,60,10,800 की राशि निर्गत की गई है।

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