कुख्यात एवं सक्रिय अपराध कर्मियों के खिलाफ CCA

रांची के कुख्यात एवं सक्रिय अपराध कर्मियों के खिलाफ CCA (क्राइम कंट्रोल एक्ट) लगाया गया है। उपायुक्त रांची श्री राहुल कुमार सिन्हा ने झारखंड अपराध नियंत्रण अधिनियम 2002 (अंगीकृत) की धारा- 12(2) के अनुशरण में तीन कुख्यात एवं सक्रिय अपराध कर्मियों को निरुद्ध रखने का आदेश दिया है। निकट भविष्य में इनके जेल से बाहर आने पर शांति व्यवस्था एवं लोक व्यवस्था भंग होने की आशंका को देखते हुए निरुद्ध करने का आदेश उपायुक्त द्वारा दिया गया है। इन सभी कुख्यात अपराध कर्मियों को आगामी 12 महीने तक बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार होटवार, रांची में निरुद्ध रखा जाएगा।

जिला में आपराधिक एवं नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु झारखंड अपराध नियंत्रण अधिनियम 2002 के तहत शक्ति प्रत्यायोजन हेतु उपायुक्त द्वारा सरकार से अनुरोध किया गया था। प्राप्त आधार से संतुष्ट होते हुए गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग, झारखंड सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी रांची को उक्त अधिनियम की धारा के अधीन शक्ति प्रयोेग करने हेतु आगामी तीन माह तक शक्ति प्रत्यायोजित की गयी है। अपराधकर्मियों के खिलाफ वरीय पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये पर्याप्त आधार से संतुष्ट होते हुए निरुद्ध रखने का आदेश उपायुक्त द्वारा जारी किया गया है।

माननीय उच्च न्यायालय, झारखण्ड, रांची के वाद संख्या W.P(cr) 282 / 2017 Jitendra Korwa @ Chhotan Ji @ Komal Ji V/s State of Jharkhand में दिनांक 19.12.17 को पारित आदेश के आलोक में एवं गृह विभाग के पत्रांक- 166 / CCA दिनांक 20.07.2022 जिसके द्वारा ऊपायुक्त रांची को झारखण्ड अपराध नियंत्रण अधिनियम 2002 अंगीकृत की धारा 12(2) के तहत् निरूद्धादेश पारित करने हेतु शक्ति प्रत्यायोजित की गयी है, के निदेश के अनुपालन में उपायुक्त, रांची द्वारा जिन कुख्यात अपराध कर्मियों को निरुद्ध रखने का आदेश दिया गया है, उनके नाम निम्न हैं-*

  1. गेंदा सिंह उर्फ विजय सिंह, पिता- कालीचरण सिंह, गुंदू दसमाइल, तुपुदाना, थाना-धुर्वा, जिला-रांची।

गेंदा सिंह एक कुख्यात अपराधी कर्मी है, जो वर्तमान में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार रांची में बंद है। इसका मुख्य पेशा अवैध अग्नेयास्त्र साथ में रखना, जमीन का अवैध कारोबार तथा हत्या जैसे जघन्य अपराध करना है। गेंदा सिंह अपने आपराधिक गिरोह के 13 सहयोगियों के साथ बिना किसी डर भय के जिला के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता रहता है। विभिन्न थाना में दर्ज 12 अपराधिक मामले और 07 सन्हा के आधार पर उपायुक्त द्वारा गेंदा से को निरुद्ध रखने का आदेश दिया गया है।

  1. राशिद अंसारी, पिता-इफ्तेखार अंसारी, पता-दर्जी मोहल्ला, डोरंडा, थाना-डोरंडा, जिला-रांची।

राशिद अंसारी कुख्यात अपराधी कर्मी है, जो वर्तमान में डोरंडा कांड संख्या 126/21 दिनांक 14.07.2021 धारा 302/120 (बी) 34 भा.द.वि एवं 27 आर्म्स एक्ट में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार रांची में बंद है। जेल में ही अपने गुर्गों/ सहयोगियों के माध्यम से रंगदारी वसूल रहा है। अपने गुर्गों/सहयोगियों के माध्यम से डोरंडा, पंडरा एवं लोअर बाजार थाना क्षेत्रों के व्यापारियों एवं व्यवसायियों को रंगदारी के लिए धमकी दे रहा है। जिससे व्यापारियों, व्यवसायियों एवं आम जनता के बीच भय का माहौल व्याप्त है। इसके खिलाफ डोरंडा, सुखदेव नगर और लोअर बाजार थाना में कुल 09 अपराधिक मामले दर्ज हैं। साथ ही राशिद अंसारी के खिलाफ विभिन्न थाना में 7 सन्हा भी दर्ज करवाया गया है, जिसके आधार पर इसे CCA के तहत निरुद्ध करने का आदेश उपायुक्त द्वारा दिया गया है।

  1. अली खान, पिता- मोहम्मद इब्राहिम उर्फ इब्बू, पता- बेलदार मोहल्ला, थाना- डोरंडा, जिला- रांची।

अली खान एक कुख्यात अपराधकर्मी है, जो वर्तमान में डोरंडा थाना कांड संख्या 165/ 18, दिनांक 18.7.2018, धारा 302 भा.द. वि एवं 27 आर्म्स एक्ट में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार रांची में बंद है। यह एयरपोर्ट थाना क्षेत्र में सक्रिय रहा है। जेल में ही अपने गुर्गों/ सहयोगियों के माध्यम से रंगदारी वसूल रहा है। जेल से ही अपने गुर्गों/सहयोगियों के माध्यम से एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के व्यापारियों एवं व्यवसायियों को रंगदारी के लिए धमकी दे रहा है, जिससे व्यापारियों, व्यवसायियों एवं आम जनता के बीच भय का माहौल व्याप्त है। इसके खिलाफ डोरंडा और एयरपोर्ट थाना में कुल 08 अपराधिक मामले और विभिन्न थाना में 09 सन्हा भी दर्ज हैं, जिसके आधार पर इसे CCA के तहत निरुद्ध करने का आदेश उपायुक्त द्वारा दिया गया है।

जिस आधार पर अपराध कर्मियों को निरुद्ध किया गया है अगर वो चाहे तो इसके विरुद्ध लिखित अभ्यावेदन कारा अधीक्षक के माध्यम से प्रधान सचिव, गृह विभाग, झारखंड सरकार, रांची को समर्पित कर सकते हैं। गृह विभाग के निर्णय से संतुष्ट नहीं होने पर परामर्शी परिषद के समक्ष गृह विभाग के आदेश के विरुद्ध अपील दायर की जा सकती है।

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