उपायुक्त ने खूंटी और कर्रा प्रखंड क्षेत्र का किया दौरा,विकास योजनाओं का लिया जायजा

खूंटी: उपायुक्त लोकेश मिश्रा ने बुधवार को खूंटी एवं कर्रा प्रखंड का दौरा कर विकास योजनाओं का जायजा लिया। इस दौरान डीसी ने कर्रा प्रखंड अंतर्गत किसान पाठशाला, लतरातू डैम एवं उच्च विद्यालय, लोधमा एवं खूंटी प्रखंड के जवाहर नवोदय विद्यालय एवं आर सेटी का निरीक्षण किया। उपायुक्त ने आर सेटी का भ्रमण कर व्यवस्थाओं को भी सुदृढ़ करने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने निर्देशित किया कि उचित प्रशिक्षण मॉड्यूल के आधार पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में कौशल वर्धन को लेकर भी उचित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचकर आमजनों की समस्याओं का निराकरण करने हेतु प्रयासरत है। किसान पाठशाला का भ्रमण किया एवं समेकित आजीविका कृषि प्रणाली एवं अन्य गतिविधियों का अवलोकन किया।
उन्होंने कहा कि किसान पाठशाला के माध्यम से भी ग्रामीणों को प्रशिक्षित कर प्रायोगिक तरीकों से अवगत कराया जायेगा।
मनरेगा के विभिन्न योजनाओं से शेड का निर्माण कर गाय पालन, बकरी पालन, मुर्गीपालन जैसे वैकल्पिक संसाधनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मधुमक्खी पालन सह शहद उत्पादन, मछली सह बत्तख पालन, केचुआ खाद उत्पादन जैसी गतिविधियाँ भी की जा रही है।
पार्क में कृषि प्रणाली को समेकित करने के लिए जे.एस.एल.पी.एस के माध्यम से पौली नर्सरी हाउस और सोलर आधरित लिफ्ट सिंचाई इकाई की स्थापना भी की गयी है। पौली नर्सरी हाउस में मिट्टी रहित पौधों को विकसित किया जा रहा है तो वहीं लिफ्ट सिंचाई फार्म के कोने-कोने तक सिंचाई सुनिश्चित कर रहा है। खूंटी के टाड़ इलाकों में नए प्रकार की खेती को बढावा देने के लिए ड्रैगन फ्रूट के पौधों की खेती एक एकड़ भूमि पर की गयी है।
उपायुक्त ने उच्च विद्यालय, लोधमा एवं जवाहर नवोदय विद्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। उन्होंने विद्यालय में मूलभूत आवश्यकताओं, पेयजल व्यवस्था, शौचालय, कक्षाएं, साइंस लैब व अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
इस दौरान उपायुक्त द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय की आवश्यकता है कि हम सब मिलकर सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के सार्थक प्रयास करें।
उन्होंने निर्देश दिए कि विद्यालय में सभी प्रकार की सुविधाएं व बेहतर शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके लिए उन्होंने शिक्षकों को सुचारू रूप से कार्य करने के निर्देश दिए।
विद्यालयों के आधारभूत संरचनाओं को विकसित करने हेतु आवश्यक व्यवस्था एवं समस्याओं पर विशेष दिशा-निर्देश दिए गए।

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