राजयसभा 57 सीटों के 10 मतदान,एनडीए को या यूपीए को होगा नुकसान

दिल्ली : राजयसभा चुनाव में देशभर के 57 सीटों पर आने वाले दस जून को मतदान होना निर्धारित है.एनडीए और यूपीए ने इसके लिए अपनी तैयारी को अंतिम रूप दे दिया है. मैदान में किसे कहां पैट उतारना है,इसी रणनीति अख्तियार कर ली गई है.

चुनाव में 31 सीटों को बचाना एनडीए के लिए बड़ी चुनौती है. क्योंकि विधान सभाओं चुनावों के नतीजे का गणित यह बता रहा है कि इस बार NDA को 7 से 9 सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है. वहीं UPA की बात करें तो, कांग्रेस के 8, डीएमके के 3, शिवसेना और एनसीपी के एक-एक सांसदों को मिलाकर इसकी कुल संख्या 13 तक पहुंचती है. इस बार के राज्यसभा चुनाव में UPA को 2 से 4 सीटों का फायदा होता नजर आ रहा है.

अन्य दलों की बात करें तो इन 59 सीटों में वर्तमान में सपा के पास 3, बीजेडी के पास 4, बसपा के पास 2 और TRS के पास 3 सांसद हैं जबकि वाईएसआर कांग्रेस, अकाली दल और आरजेडी इन तीनों दलों के पास 1-1 सांसद हैं. इस तरह से वर्तमान में अन्य दलों का आंकड़ा 15 तक पहुंच रहा है. इस बार होने वाले राज्यसभा चुनावों में अन्य दलों को 3 सीटों का फायदा मिलने की उम्मीद है.

राज्यवार चुनावी जीत की संभावनाओं को देखा जाए तो उत्तर प्रदेश में इस बार 11 सीटों पर चुनाव होने जा रहा है. हाल ही में हुए विधान सभा चुनाव में खराब प्रदर्शन का खामियाजा इस बार के राज्य सभा चुनाव में कांग्रेस और बसपा को भुगतना पड़ेगा. बसपा के पास वर्तमान में 2 और कांग्रेस के पास 1 सीट थी लेकिन इस बार इन तीनों सीटों में से 2 BJP के पास जा सकती है. इस तरह से 2 सीटों के फायदे के साथ BJP अपने 7 उम्मीदवारों को इस बार राज्यसभा भेज सकती है. वहीं सपा के खाते में पहले की तरह ही 3 सीटें आने की ही संभावना है. बची हुई 11वीं सीट के लिए BJP और सपा में रस्सा-कस्सी होनी है लेकिन BJP के आक्रामक अंदाज और बेहतर रणनीति को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह 8वीं सीट भी उसके खाते में जा सकती है.

झारखंड में राज्य सभा के चुनाव परिणाम हमेशा से चौकाने वाले रहे हैं. इस बार भी पहली वरीयता के उम्मीदवार को लेकर JMM और कांग्रेस गठबंधन में तकरार शुरू हो गई है. राज्य में 2 सीटों पर चुनाव होना है. ये दोनों सीटें फिलहाल BJP के पास है लेकिन इस बार 1 सीट जीतने के लिए भी BJP उम्मीदवार को जुगाड़ का सहारा लेना पड़ सकता है. अभी तक के हालात में ऐसा लग रहा है कि सत्ताधारी गठबंधन और BJP दोनों 1-1 सीट पर जीत हासिल कर सकती है.

हरियाणा में BJP के 1 राज्यसभा सांसद और पिछली बार बड़ा फेरबदल कर BJP के समर्थन से निर्दलीय चुनाव जीतने वाले सुभाष चंद्रा का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. अगर कोई बड़ा राजनीतिक खेल नहीं हुआ तो विधान सभा के गणित के आधार पर BJP और कांग्रेस, दोनों के खाते में 1-1 सीट आना तय माना जा रहा है.

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