बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के मजदूरों को वर्षों से लंबित भविष्य निधि का जल्द मिलेगा पैसा

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ (एटक से संबंध) ने दैनिक मजदूरों को प्रोविडेंट फंड की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बरसों से लड़ाई लड़ रही है। यह लड़ाई अब अपने मुकाम को पाता नजर आ रहा है। इस संबंध में संघ के अध्यक्ष बीएन झा ने बताया कि विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक मजदूरों की लड़ाई 1991 से जारी है। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में कार्यरत मजदूरों को भविष्य निधि का लाभ नहीं मिल रहा था। इस पर क्षेत्रीय आयुक्त कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफ) के समक्ष मामला दर्ज कराएं थे। इस पर आयुक्त ने 2017 से पीएफ देने का आदेश दिया, इस पर प्रबंधन ने मजदूरों से उसका अंशदान काटना शुरू कर दिया था परंतु इसका भुगतान प्रबंधन नहीं कर रहा था। इसके बाद यूनियन हाई कोर्ट में अपील किया वहां प्रबंधन ने कोर्ट को लिखित रूप से बताया कि एक करोड़ 20 लाख रुपये से अधिक की राशि ईपीएफ कार्यालय में जमा करा दिया गया है। वही प्रबंधन ने बताया कि 2017 से मजदूरों का पीएफ काटा गया है। जबकि यूनियन की मांग है कि जब से मजदूर वहां कार्यरत हैं उस समय से उन लोगों को पीएफ की सुविधा दी जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि बाकी मजदूरों का बायोडाटा के साथ 7 ए के तहत क्षेत्रीय आयुक्त कार्यालय भविष्य निधि रांची में मामला दर्ज करा कर वहां से निर्णय लें। उक्त आदेश 13 जुलाई 2020 को दिया गया है। इस पर यूनियन ने आगे की कार्रवाई के लिए क्षेत्रीय कार्यालय आयुक्त के समक्ष अपनी साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि लड़ाई लंबी चल रही है लेकिन उन्हें पूरा भरोसा है कि मजदूरों का हक उन्हें जरूर मिलेगा। बता दें कि इसमें 754 मजदूरों का पीएफ जमा किया गया है।

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