खूंटी में बाईपास का निर्माण कब जायेगा सरकार का इस ओर ध्यान…
खूंटी: राजधानी रांची से सबसे करीब जिला खूंटी में लंबे दिनों से बाईपास निर्माण की मांग हो रही है।
लेकिन इस पर अबतक कोई पहल नहीं होने से स्थानीय जनता से लेकर जनप्रतिनिधियों में केंद्र और राज्य सरकार के प्रति असंतोष की भावना उत्पन्न हो गई है। बाईपास नहीं होने से रांची से चाईबासा, सिमडेगा,छत्तीसगढ़,जमशेदपुर जाने के लिए सभी बसों को खूंटी के मेन रोड होकर गुजरना पड़ता है। सड़कें चौड़ी नहीं होने और बाजार में भीड़ भाड़ रहने से अक्सर इस सड़क पर जाम की स्थिति बनी रहती है। यही नहीं इस सड़क पर हमेशा दुर्घटना भी होती है। सड़क दुर्घटना में कई लोगों की जान जा चुकी है। बाईपास निर्माण को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन भी हुए।लेकिन हर बार लोगों को आश्वासन ही मिला।
हालांकि पिछली बार विधानसभा सदन में विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने बाईपास सड़क निर्माण की मांग उठाने का काम किया था।
स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी जल्द से जल्द बाईपास निर्माण की घोषणा किया था। बाईपास निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई थी। जमीन अधिग्रहण के लिए संबंधित गांव के ग्रामीणों ने ग्राम सभा में स्वेच्छा से सड़क निर्माण के लिए जमीन देने पर सहमति भी व्यक्त कर दी थी। इसके बाद भी निर्माण का कार्य अबतक शुरू नहीं हो पाया है।
बाईपास की मांग को लेकर स्थानीय पॉलिटिकल नेता दिलीप मिश्रा ने मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा है।
दिलीप मिश्रा ने बताया कि लापा बायपास पथ जो कोंसा- बक्शपुर- गोबिंदपुर- कर्रा पथ जो कोई एक करोड़ की लागत से बनी है। लेकिन उस पथ का उपयोग बड़ी गाड़ियों के लिए वर्जित है। उस पथ पर रेलवे द्वारा रूब का निर्माण कराया गया है जो काफी छोटा और घुमावदार है। करोड़ों रुपए की लागत से बनी सड़कों का जब उपयोग ही नहीं हो रहा है तो उसका क्या मतलब है। इसलिए जनहित में देखते हुए इस पथ पर बड़ी गाड़ियों का परिचालन की अनुमति दिया जाय। इससे खूंटी शहर के मेन रोड में जाम की स्थिति बहुत हद तक कम होगी।
वहीं कांग्रेस नेता सयूम अंसारी ने कहा कि खूंटी में बाईपास बहुत जरूरी है।पूर्व की रघुवर सरकार के कार्यकाल में ही बाईपास का निर्माण होना था। लेकिन अबतक इसके लिए स्थानीय विधायक और सांसद के द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है। खूंटी में एक ही मुख्य सड़क है उसपर हमेशा तेल का टैंकर और भारी वाहनों का परिचालन होता है।
हमेशा इस सड़क पर जाम रहता है। हमलोग इसके लिए आंदोलन करेंगे। बाईपास का निर्माण जबतक नहीं होगा तबतक एक भी तेल के टैंकरों को जाने नहीं देंगे।