मुरहू में कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम की तैयारी को ले प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

खूंटी: उपायुक्त लोकेश मिश्रा के निर्देशानुसार जिला अंतर्गत सभी प्रखंडो में मिशन इंद्रधनुष, एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को मुरहू प्रखंड के सभागार में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें सिविल सर्जन, प्रखण्ड के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, एमओआईसी, सीडीपीओ, स्वास्थ्य कर्मी, ए.एन.एम, BTT , STT, आयुष्मान भारत DPC, सेविकाएं,सहायिकाएं व अन्य उपस्थित थे।
इसमें मिशन इंद्रधनुष, एनीमिया मुक्त भारत एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को सफल बनाने के लिए विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही संबंधित अधिकारियों एवं कर्मियों को उनके कार्य दायित्वों से अवगत कराया गया।
उपायुक्त द्वारा जिले में 16 सितंबर से 5 अक्टूबर तक घर घर टीकाकरण अभियान चलाने के निर्देश दिए गए है।
इस प्रशिक्षण में सभी सहियाओं, सेविकाओं, एएनएम एवं नोडल शिक्षक उपस्थित रहे।
मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम की सफलता को लेकर इसकी पूर्ण जानकारी दी गई। इस अभियान में एक भी बच्चा टीकाकरण से वंचित नहीं हो, इसका ध्यान रखा जा रहा। यह टीकाकरण 0 वर्ष से 2 वर्ष तक के बच्चों को एवं 5 वर्ष तक छूटे हुए बच्चों को देना है। दूसरा चरण 11 सितंबर से 16 सितंबर तक है।
इसके अतिरिक्त बताया गया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन 20 सितम्बर, 2023 को सभी स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में तथा छूट गए बच्चों हेतु मॉप-अप दिवस दिनांक 29 सितम्बर, 2023 को आयोजित किया जाएगा। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के क्रियान्यवन की रणनीति के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि कृमि नियंत्रण की दवाई बच्चों और बड़ों के लिए सुरक्षित है एल्बेंडाजॉल आसानी से चबा कर खाने वाली गोली है।
∆ चोकिग (गले में दवाई अटक जाना) दवाई का साइड इफेक्ट घटना नहीं होता है। दवाई को सही तरीके से न खिलाने से दवाई गले में अटक सकती है। गोली अच्छी तरह चबाकर खाने का निर्देश दे साफ पीने का पानी साथ रखें। बिना चूरा या चबा कर नहीं खायी गयी एल्बेंडाजॉल दवाई का प्रभाव महत्वपूर्ण रूप से कम हो सकता है।

∆ फिर भी अगर गोली का टुकड़ा गले में अटक जाएं तो बच्चे को छाती के बल अपनी गोद में लिटाएं और उसकी पीठ हल्के से थपथपाएं जिससे गोली निकल जाएं।

बच्चे को खुली छायादार जगह में लिटाकर आराम कराएं। उसे पीने का साफ पानी दें और बच्चे को निगरानी में रखें। किसी भी चिकित्सक सहायता के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थापित राजा हेल्पलाइन नंबर 104 पर किसी भी प्रतिकूल घटनाओं की सूचना दी जा सकती है और गंभीर प्रतिकूल घटना होने पर राज्य एम्युलेन्स सेवा 108 की मदद ली जा सकती है।

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