झारखंड में आइएएस की भारी कमी, अफसरों की कमी के मामले में झारखंड देश में पांचवें पायदान में, 31 फीसदी पद हैं खाली

देश भर में आइएएस अफसरों के डेढ़ हजार से अधिक पद हैं रिक्त
रांचीः झारखंड में पूरा तंत्र प्रभार में चल रहा है। इसकी वजह यह है कि आइएएस के 83 पद रिक्त हैं। झारखंड में आइएएस कैडर का स्ट्रेंथ 224 है, जिसमें 141 अफसर ही कार्यरत हैं। इस हिसाब से झारखंड में 83 अफसरों की कमी है। वहीं देश में भी आइएएस अफसरों का टोटा है। पूरे देश में 1515 आइएएस अफसरों की कमी है। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय की रिर्पोट के अनुसार देश में आइएएस अफसरों के स्वीकृत पदों की संख्या 6746 है। जिसमें 4682 पद सीधी भर्ती के हैं जबकि राज्य प्रशासनिक सेवा से प्रोन्नत वाले पदों की संख्या 2064 है। लेकिन वर्तमान में कार्यरत अफसरों की संख्या 5231 ही है।
प्रोन्नति से पद भरने पर कुछ हद तक कमी होगी दूर
झारखंड में राज्य प्रशासनिक सेवा के 42 अफसरों को आइएएस कैडर में प्रोन्नति दी जानी है। इससे कुछ हद तक अफसरों की कमी दूर हो जाएगी। इस बार वर्ष 2019, 2020 और 2021 की रिक्तियों के विरुद्ध 42 अफसरों को प्रोन्नति दी जानी है । वर्ष 2019 और 2020 दोनों की रिक्तियों में एकीकृत बिहार के समय 36 वीं और 37वीं बीपीएससी से नियुक्त अफसरों को प्रोन्नति मिलने की संभावना है वहीं वर्ष 2021 की रिक्तियों के विरूद्ध 38वीं बीपीएससी से नियुक्त अफसरों को प्रोन्नति मिलेगी।
ये अफसर बनेंगे आइएएस
राम नारायण, निसार अहमद, रवि रंजन मिश्रा, आलोक त्रिवेदी, संजय सिन्हा, मनोज जयसवाल, नागेंद्र कुमार सिन्हा, अनिल कुमार सिंह, हरि कुमार केसरी, जगबंधु महथा, बिंदेश्वरी ततमा, इंदु रानी, अरुण वाल्टर सांगा, दशरथ चंद्र दास, सुमन कैथरीन, बालकिशन मुंडा, लालचंद, नेल्सन बागे, शशि प्रकाश झा ,अंजनी कुमार मिश्रा, संजय बिहारी अंबष्ट,अंजनी कुमार दुबे, अमित प्रकाश, संजय कुमार, अरविंद कुमार राय, पवन कुमार ,अनिल कुमार ,जय किशोर प्रसाद, कुमुद सहाय रवि रंजन, शशि भूषण मेहरा।
किस राज्य में कितने फीसदी आइएएस की है कमी
जम्मू -कश्मीर- 57 फीसदी
त्रिपुरा में- 40 फीसदी
नागालैंड – 37.2 फीसदी
केरल – 32 फीसदी
झारखंड – 31 फीसदी
तमिलनाडु- 14.3 फीसदी
मध्य प्रदेश- 14.7 फीसदी
हरियाणा – 15.8 फीसदी
उत्तर प्रदेश- 15.9 फीसदी

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