झारखंड के नेताओं के खिलाफ अदालत में लंबित हैं 93 मामले, विधायक, सांसद, पूर्व विधायक और पूर्व सांसद भी हैं शामिल

रांचीः झारखंड के पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, सांसद और विधायकों के खिलाफ अदालत में 93 मामले लंबित हैं। इनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा, एससी-एसटी अधिनियम, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, पोक्सो, हत्या के प्रयास, मारपीट व धोखाधड़ी से जुड़े मामले दर्ज हैं। इनमें कुछ मामलों में अब तक चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है। अधिकतर मामले ऐसे हैं, जो राज्य के विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन हैं। कुछ मामले ट्रायल पर हैं और गवाही चल रही है।
इन पर है आरोप
बंधु तिर्की (नगड़ी थाना, कुड़ू थाना व पांच अन्य),हेमंत सोरेन (अरगोड़ा थाना व एक अन्य),सांसद संजय सेठ (सिल्ली),नमन विक्सल कोंगाड़ी (दो केस),ममता देवी (आठ मामला),कुशवाहा शशि भूषण मेहता (लेस्लीगंज व डालटनगंज सदर में आठ मामले),पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता (हुसैनाबाद में दो व हरिहरगंज में एक),बाबू लाल मरांडी (दो),कमलेश सिंह (हरिहरगंज में दो मामले),चंपाई सोरेन (एक),डा. इरफान अंसारी (सात),भूषण बाड़ा (एक),मिथलेश ठाकुर (तीन),पूर्व विधायक साधु चरण महतो (एक),पूर्व विधायक पौलुस सुरीन (एक),सांसद जयंत सिन्हा (दो),बन्ना गुप्ता (तीन),
सांसद विद्युत चरण महतो (एक),रामदास सोरेन (दो),पूर्व विधायक एनोस एक्का (एक),भानु प्रताप शाही (तीन),रामचंद्र चंद्रवंशी (एक),समीर मोहंती (तीन),भूषण तिर्की (एक),अकेला यादव (बरही),पूर्व विधायक राजकुमार यादव (राज धनवार),ढुलू महतो (बाघमारा),पूर्व विधायक संजय प्रसाद यादव (गोड्डा),पूर्व विधायक अरुप चटर्जी (निरसा में तीन मामले),जिरौली अंसारी व अन्य (बोकारो),पूर्व विधायक माधवलाल सिंह (गोमिया)जगरनाथ महतो (डुमरी),प्रदीप यादव (पोड़ैयाहाट में तीन)
पूर्व सांसद फुरकान अंसारी व अन्य (गोड्डा में चार),बलदेव दास व अन्य,निशिकांत दुबे (गोड्डा में दो),पूर्व विधायक सुरेश पासवान (देवघर)पूर्व विधायक हाजी हुसैन अंसारी (मृत, मधुपुर),मुन्ना मरांडी (एक),रणधीर सिंह (सारठ),सांसद अन्नपूर्णा देवी (कोडरमा)।
झारखंड में किसी अपराध के लिए सजा पाने के बाद अपनी विधायकी गंवानेवाले नेताओं की संख्या पांच हो चुकी है। बंधु तिर्की को कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में तीन साल की सजा सुनाकर यह सुनिश्चित कर दिया है कि अब वे मांडर के विधायक नहीं रहे। यह मामला वैसे माननीयों के लिए सबक है जो गाहे-बगाहे आपराधिक वारदातों का हिस्सा बनते हैं या फिर उनका नेतृत्व करते हैं।

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