गणादेश एक्सक्लूसिवः झारखंड सरकार के लिए चुनौती, अभी 1,83,016 अफसर कर्मियों के वेतन भत्ते पर खर्च होता है सालाना 16 हजार करोड़ रुपए खर्च,

खाली पड़े रिक्त पदों को भरने पर सालाना खर्च होगा और 10 हजार करोड़ रुपए
सरकार डेढ़ लाख पदों पर कर सकती है नियुक्ति
25 फीसदी पद खाली रखने की बताई गई है जरूरत
सभी पदों को भरने से प्रोन्नति के लिए नहीं बचेगी जगह
रांची : झारखंड में रिक्त पदों को भरना सरकार के लिए चुनौती बन गई है। सरकार ने विभिन्न श्रेणी के रिक्त पदों को भरने की कवायद शुरू की है। इसके तहत सरकार वेतन और भत्ते का भी बजट तैयार किया है। खाली पड़े लगभग डेढ़ लाख पदों को भरने पर सरकार को सलाना वेतन और भत्ते में 10 हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। फिलहाल राज्य में 183016 अफसर और कर्मचारी हैं। इनके वेतन और भत्ते पर सालाना 16 हजार करोड़ रुपए खर्च आता है। राज्य सरकार के आंकड़ों के हिसाब से विभिन्न विभागों में विभिन्न स्तर के कुल 5,33,737 पद स्वीकृत हैं. इन स्वीकृत पदों के मुकाबले 1,83,016 पदों पर ही लोग कार्यरत हैं. शेष 3,50,721 पद रिक्त हैं. जिसमें नियुक्तियों के बाद प्रोन्नति आदि के लिए सरकार के स्वीकृत पदों के मुकाबले 25 प्रतिशत तक पदों को खाली रखने की जरूरत बतायी जाती है. क्योंकि सभी पदों को एक साथ भरने पर प्रोन्नति के लिए जगह नहीं बचेगी. इस बात के मद्देनजर सरकार 1.50 लाख पदों को भरने की कवायद शुरू कर दी है। . सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सरकार के कुल रिक्त पदों में से सबसे ज्यादा पद शिक्षा के क्षेत्र में ही हैं. प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों सहित अन्य सभी प्रकार के कुल 2,64,547 पद स्वीकृत हैं. इन स्वीकृत पदों के मुकाबले सिर्फ 50,703 कर्मचारी ही कार्यरत हैं. यानी कुल रिक्त पदों में से 60.97 प्रतिशत पद शिक्षा के क्षेत्र में ही रिक्त पड़े हुए हैं. . रिक्तियों के मामले में दूसरा स्थान गृह विभाग का है. गृह विभाग के कुल स्वीकृत 1.39 लाख पदों के मुकाबले 76 हजार लोग ही कार्यरत हैं. शेष 63 हजार पद रिक्त हैं. यह कुल रिक्तियों का 18.12 प्रतिशत है.

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