पल पल बदल रही झारखंड की राजनीति, किसी बचेगी कुर्सी और किसकी जाएगी

रांचीः झारखंड की राजनीति पल पल बदल रही है। हर दिन नया डेवलपमेंट। सत्ता के गलियारों में सियासी तपिश बढ़ गई है। चर्चा अब कुर्सी की हो रही है। फिलहाल समय बताएगा की किसकी कुर्सी बचेगी और किसकी जाएगी। इस खेल में संवैधानिक संस्थाओं के शामिल होने से खेल दिलचस्प हो गया है। अब झारखंड की राजनीति किस करवट बैठगी, इसका अंदाज लगना मुश्किल हो गया है। मुख्‍यमंत्री खदान लीज मामले में दोहरे सरकारी लाभ लेने और जन प्रतिनिधित्‍व कानून का उल्‍लंघन करने के मामले में चौतरफा घिर गए हैं। अब सीएम के सामने खदान चलाने के संगीन आरोपों की सफाई में एक साथ राज्‍यपाल, झारखंड हाई कोर्ट और चुनाव आयोग तीनों को संभालने की बड़ी चुनौती है। वहीं गृह मंत्रालय भी पूरे मामले के संज्ञान में आने के बाद पूरे मामले पर नजदीकी नजर रख रहा है। ताजा जानकारी के अनुसार मामला भारत निर्वाचन आयोग तक पहुंच गया है।
बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से की थी शिकायत
भाजपा नेताओं की शिकायत किए जाने के बाद राज्यपाल रमेश बैस ने संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत दोनों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई को लेकर भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगी थी। इसके बाद ही भारत निर्वाचन आयोग ने यह कार्रवाई की। हालांकि मुख्य सचिव द्वारा अभी तक दस्तावेज का प्रमाणीकरण कर आयोग को नहीं भेजा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री के नाम अनगड़ा में पत्थर खदान आवंटित किए जाने का आरोप लगाया था।
अनुच्छेद 192 में क्या है प्रावधान
संविधान के अनुच्छेद 192 किसी विधायक की सदस्यता समाप्त किए जाने से संबंधित है। यदि किसी विधायक की सदस्यता समाप्त किए जाने का मामला होता है तो उसपर अंतिम स्वीकृति के लिए राज्यपाल को भेजा जाता है। राज्यपाल इस अनुच्छेद के तहत अनुमति देने से पहले भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य लेते हैं।
बन्‍ना गुप्‍ता पर गंभीर आरोप
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता पर भी कोरोना महामारी के पैसे हड़पने के गंभीर आरोप लगे हैं। निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सीएम हेमंत से मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता को बर्खास्‍त करने और भ्रष्‍टाचार के मामले की एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो से जांच कराने की मांग की है।सरयू राय ने दस्‍तावेजी सबूतों के साथ इस पूरे मामले को उजागर किया, जिससे सरकार और मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता की खूब किरकिरी हो रही है। आनन-फानन में कोरोना प्रोत्‍साहन राशि देने का आदेश रद करते हुए मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता ने मीडिया में सफाई दी।

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