झारखंड के ब्यूरोक्रेट्स उड़ा रहे प्रोटोकॉल की धज्जी, सीनियर-जूनियर का भी फर्क नहीं, मंत्री खड़े रह गए, ब्यूरोक्रेटस बैठे रहेअंदर की बात

रांचीः झारखंड की ब्यूरोक्रेसी में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। सीनियर और जूनियर का ईगो आपस में क्लैश भी रहा है। बड़े और छोटे का लिहाज तक नहीं। प्रोटोकॉल का कोई कायदा कानून भी नहीं। फिलहाल दो मामला सामने आया है। हुआ यूं कि 21 जून को कैबिनेट की बैठक थी। इसमें सरकार के साथ कदमताल करने वाले एक करीबी अफसर राज्य के मुखिया के बगल में ही बैठ गए। यह एक्टिविटी ब्यूरोक्रेसी के आला अफसर को सही नहीं लगी। इस पर आला अफसर ने टोका भी। सुझाव भी दिया। कायदा कानून भी समझाया। इस पर जूनियर अफसर अपने ठसक के कारण जवाब भी दे दिया। इस पर आला अफसर हत्थे उखड़ गए। भरी महफिल में कहा कि तुम मुझे सिखाओगे। आज तक 32 साल के करियर में किसी ने कुछ भी नहीं कहा। इस दौरान मीटिंग में मौजूद मंत्री सहित कई अफसर भी सन्न रह गए। आला अफसर के इस मिजाज को भांप भी नहीं पाए। इसके बाद ठसक वाले अफसर बाहर चले गए। दूसरा मामवा भी उन्हीं ठसक वाले अफसर से जुड़ा हुआ है। कैबिनेट मंत्री खड़े रह गए, लेकिन ठसक वाले अफसर मुखिया के बगल में बैठक कर पूजा करते रहे। दो दिन पहले का यह मामला है। जब राज्य के मुखिया लातेहार दौरा के दौरान मां उग्रतारा मंदिर में पूजा करने गए तो राज्य के मुखिया समेत दो कैबिनेट मंत्री भी साथ थे। पूजा के दौरान राज्य के एक कैबिनेट मंत्री ख़ड़े रहे, लेकिन ठसक वाले साहब राज्य के मुखिया के बगल में बैठकर पूजा करते रहे।

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